Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

प्रेम कविता : उसकी याद फिर से आई है...

प्रेम कविता : उसकी याद फिर से आई है...
webdunia

राकेशधर द्विवेदी

उसकी याद फिर से आई है, 
दूर कहीं गूंज उठी शहनाई है।
 
रात रो-रोकर कटी है कहीं पर,
कहीं सुबह हो रही विदाई है।
 
किसी के अरमानों का गला गया घोंटा,
किसी के अरमान सजकर आए हैं।
 
जिंदगी किसी की बन गई कांटे,
फूल किसी की जिंदगी के मुस्कुराए हैं।
 
अश्क आंखों में भर आए किसी के,
हंसी ओठों पे किसी के आई है।
 
किसी की फूलों से सज गई अर्थी,
किसी के गजरों की खुशबू आई है।
 
रात अमावस की किसी की आई है,
किसी ने हाथों में मेहंदी रचाई है।
 
आंख रो-रोकर लाल हुई किसी की,
किसी के लबों पर हंसी आई है।
 
उसकी याद फिर से आई है,
दूर कहीं गूंज उठी शहनाई है। 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

मुझे भारतीय व्यंजनों पर गर्व है : संजीव कपूर