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शिवराज की 'चरण पादुका योजना', एक तीर से सधेंगे कई निशाने

शिवराज की 'चरण पादुका योजना', एक तीर से सधेंगे कई निशाने
भोपाल , रविवार, 3 जून 2018 (11:25 IST)
भोपाल। इस साल नवंबर में मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव एवं अगले साल के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 'चरण पादुका योजना' के तहत आजकल तेंदूपत्ता बीनने वालों को मंच पर बुलाकर अपने हाथ से जूते-चप्पल पहना रहे हैं।
 
मुख्यमंत्री ने अब तक सिंगरौली, सीधी, सिवनी, गुना, शहडोल, छतरपुर, खंडवा, रीवा, रतलाम, इंदौर, मुरैना, मंदसौर, दमोह, सागर एवं रायसेन जिलों में हुए तेंदूपत्ता संग्राहक सम्मेलन में तेंदूपत्ता संग्राहक महिलाओं एवं पुरुषों को मंच पर जूते-चप्पल पहनाए हैं।
 
चौहान ने इस दौरान मंच से कहा कि मैं तेंदूपत्ता बीनने वालों को जूते-चप्पल पहनाने में आनंद महसूस करता हूं। अब इन तेंदूपत्ता संग्राहकों के न तो पैर जलेंगे और न ही कांटे चुभेंगे। उन्होंने कहा कि गत वर्ष जब मैं उमरिया जिले में भ्रमण पर आया था तो बांधवगढ़ नेशनल पार्क जाते समय तेंदूपत्ता संग्राहकों से मिलने का अवसर मिला। वे नंगे पैर थे और उनके पास पीने के लिए पानी भी नहीं था। मैंने उनसे पूछा कि तुमने चप्पल क्यों नहीं पहनी हैं? तो उन्होंने बताया कि उनके पास चप्पल नहीं हैं। तभी मैंने निर्णय लिया कि इन गरीबों को चरण-पादुका, महिलाओं को धोती तथा पानी की कुप्पी नि:शुल्क दी जाएगी ताकि उनके पैर में कांटे न चुभे और वे जंगल में प्यासे न रहें।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने इस 'चरण पादुका योजना' की शुरुआत छत्तीसगढ़ के बीजापुर में इस साल 14  अप्रैल को एक आदिवासी महिला को अपने हाथों से मंच पर चप्पल पहनाकर की थी। इस योजना के तहत देश में तेंदूपत्ता बीनने वालों को चप्पलें एवं जूते दिए जाते हैं जिससे वे जंगलों में आसानी से चल सकें। इसके बाद 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश में चरण पादुका योजना सिंगरौली जिले से शुरू की। 19 अप्रैल से लेकर अब तक इन सम्मेलनों में 6 लाख से  ज्यादा तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुकाएं एवं पानी की बोतल दी गई हैं। तेंदूपत्ता संग्राहक पुरुष को 1 जोड़ी जूते एवं पानी की 1 बोतल तथा महिलाओं को 1 जोड़ी चप्पल, साड़ी एवं पानी  की 1-1 बोतल दी जा रही है।
 
भगवान राम की चरण पादुका को सिंहासन पर रखकर भरत ने उनका प्रतिनिधि बनकर शासन चलाया था और अब चरण पादुका से सत्ता तक पहुंचने का रास्ता बनाने की कोशिश की जा रही है। (भाषा)

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