Sun enters scorpio 2022:16 नवंबर 2022 बुधवार को शाम 06 बजकर 58 मिनट पर सूर्य तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में गोचर करने लगेगा। सूर्य के राशि बदलने को सूर्य संक्रांति कहते हैं। वृश्चिक संक्रांति भी कई अन्य मामलों में महत्वपूर्ण है। आओ जानते हैं कि सूर्य के इस बदलावा से क्या होगा देश और दुनिया पर असर।
वृश्चिक संक्रांति का असर | Effect of Vrishchik Sankranti:
- वृश्चिक राशि सभी राशियों में सबसे संवेदनशील राशि है जो शरीर में तामसिक ऊर्जा को नियंत्रित करती है।
- सूर्य के वृश्चिक राशि में जाने से देश और दुनिया में घटना और दुर्घटना बढ़ेगी। सर्जरी के केस भी बढ़ने की संभावना है।
- वृश्चिक का सूर्य जीवन के उतार-चढ़ाव को प्रभावित और नियंत्रित करता है। यह जीवन के छिपे रहस्यों का प्रतिनिधित्व भी करता है।
- वृश्चिक राशि खनिज और भूमि संसाधनों जैसे कि पेट्रोलियम तेल, गैस और रत्न आदि के लिए कारक होती है। इन क्षेत्रों में उथल पुथल होगी।
- वृश्चिक राशि में सूर्य अनिश्चित परिणाम देता है। लोगों को कष्ट होगा।
- छोटे व्यापार के लिए यह संक्रांति शुभ है।
- देश और दुनिया के भण्डारण में वृद्धि होगी लेकिन इसी के साथ ही महंगाई भी बढ़ेगी।
- दो राष्ट्रों के बीच संबंध में मधुरता आने की संभावना है।
दान का फल : इस दिन दान करने से ग्रह दोष दूर होते हैं। पितृदोष दूर होता है और सभी तरह के संकट समाप्त होकर जातक सुख समृद्धि को प्राप्ति करता है। इस दिन श्राद्ध और तर्पण करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और पितृ दोष समाप्त होता है।