देवशयनी एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी के समान ही बड़ी और पवित्र माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न किया जाता है। एकादशी पर अवश्य पढ़ें भगवान विष्णु के सरलतम मंत्र-
1 * देवशयनी एकादशी संकल्प मंत्र
सत्यस्थ: सत्यसंकल्प: सत्यवित् सत्यदस्तथा।
धर्मो धर्मी च कर्मी च सर्वकर्मविवर्जित:।।
कर्मकर्ता च कर्मैव क्रिया कार्यं तथैव च।
श्रीपतिर्नृपति: श्रीमान् सर्वस्यपतिरूर्जित:।।
2 * देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का मंत्र -
सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत सुप्तं भवेदिदम।
विबुद्धे त्वयि बुध्येत जगत सर्वं चराचरम।
3* देवशयनी एकादशी विष्णु क्षमा मंत्र
भक्तस्तुतो भक्तपर: कीर्तिद: कीर्तिवर्धन:।
कीर्तिर्दीप्ति: क्षमाकान्तिर्भक्तश्चैव दया परा।।
आइए अब जानें आपकी राशि अनुसार उपाय और शुभ मंत्र :
मेष- मेष राशि वालों को इस समय विवादित सौदों में पूंजी निवेश से बचना चाहिए।
सरसों के तेल का दान गरीबों को दें।
ॐ अं वासुदेवाय नम:
वृषभ- वृषभ राशि वालों को पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
ज्वार गरीब व गौशाला में दान दें।
ॐ आं संकर्षणाय नम:
मिथुन - मिथुन राशि वालों को कारोबार में लाभ और विवादों से पीछा छूटेगा।
उड़द के आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को डालें।
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
कर्क-सरकार से लाभ मिलेगा और विघ्न और परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।
भगवान शिव पर बेलपत्र अर्पित करें।
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
सिंह -सिंह राशि वालों को किए गए कार्यों में मनोनुकूलफल प्राप्त नहीं होंगे।
मां भगवती के श्रीचरणों में गुलाब के 108 फूल अर्पित करें।
ॐ नारायणाय नम:
कन्या-कन्या राशि वालों के मनोनुकूल कार्य परिवर्तन एवं कोर्ट-कचहरी के मामले हल होंगे।
वट वृक्ष के पेड़ में जल अर्पित करें।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
तुला-तुला राशि वालों की आय के साधनों में वृद्धि होगी और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का निवारण होगा।
गरीब कन्याओं को दूध और दही का दान दें।
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
वृश्चिक-वृश्चिक राशि वालों का पिछली समस्याओं से पीछा छूटेगा और मित्रों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
साबूत मसूर सफाई कर्मचारी को दान में दें।
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
धनु -धनु राशि वालों को कम प्रयत्न और लाभ अधिक होगा। आय के साधन बढ़ेंगे।
अंधे व्यक्ति को भोजन कराना लाभकारी रहेगा।
चने की दाल कुष्ठ रोगियों को दें।
ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
मकर-मकर राशि वालों को व्यर्थ के भ्रम, भ्रांति और भय से बाहर आना होगा। अहम और ईर्ष्या नुकसान देगी।
बाजरा पक्षियों को डालें।
शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभांगम
लक्ष्मीकांतं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वंदे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।
कुंभ -कुंभ राशि वालों के रुके हुए कार्य बनेंगे। राजनीतिक वर्चस्व बढ़ेगा। सामाजिक सुयश की प्राप्ति भी होगी।
800 ग्राम दूध अपने ऊपर से 8 बार उतार कर 800 ग्राम उड़द के साथ बहते पानी में प्रवाह कर दें।
त्वमेव माता, च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधु च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या च द्रविडम त्वमेव
त्वमेव सर्वम मम देव देव
मीन -मीन राशि वालों के व्यवसाय में सफलता, सामाजिक दायरों में वृद्धि का प्रबल योग।
मिट्टी के पात्र में श्रद्धानुसार शहद भरकर मंदिर में रखकर आ जाएं या वीराने में दबा दें।