Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

बाल कविता : हंसो-मुस्कुराओ...

बाल कविता : हंसो-मुस्कुराओ...
webdunia

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

बहुत देर चुप थे, जरा गुनगुनाओ,
अरे भाई थोड़ा हंसो-मुस्कुराओ।
 
लगातार पापा ये चुप्पी बुरी है,
ये हंसना-हंसाना असल जिंदगी है।
मुखड़े पर अपने सितारे सजाओ,
अरे भाई थोड़ा हंसो-मुस्कुराओ।
 
मम्मी भी गुमसुम हैं बैठी उदासी,
रखा ढेर पानी मगर फिर भी प्यासी।
उठो शीघ्र खुशियों की गंगा नहाओ,
अरे भाई थोड़ा हंसो-मुस्कुराओ।
 
ये मस्ती के बादल, ये खुशियों की बूंदें,
इन्हें गुदगुदाओ ये पलभर में चूं दें।
हैं सिर पर तुम्हारे पकड़ के तो लाओ,
अरे भाई थोड़ा हंसो-मुस्कुराओ।
 
पूजा के कमरे में घंटी की टुनटुन,
दादी का, दादा का कंचन है मन।
जरा उनसे जाकर दुआएं तो पाओ,
अरे भाई थोड़ा हंसो-मुस्कुराओ।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

आरोग्य और संतान का शुभ वरदान देते हैं सूर्य, पढ़ें छठ पर्व का शुभ मुहूर्त