नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय 2008 के आरुषि-हेमराज हत्याकांड में राजेश और नूपुर तलवार को बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील पर सुनवाई के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि सीबीआई की अपील पर हेमराज की पत्नी द्वारा दायर अपील के साथ ही सुनवाई की जाएगी।
पीठ ने जांच ब्यूरो की अपील विचारार्थ स्वीकार कर ली। इन दोनों अपील में तलवार दंपत्ति को बरी करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 12 अक्टूबर, 2017 के निर्णय को चुनौती दी गई है। जांच ब्यूरो की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल मनिन्दर सिंह ने इस मामले में पहले से ही लंबित हेमराज की पत्नी की अपील का हवाला दिया।
इस पर पीठ ने कहा कि जांच ब्यूरो की अपील उसके साथ ही संलग्न की जाएगी। दंत चिकित्सक दंपत्ति राजेश और नूपुर तलवार की 14 वर्षीय बेटी आरुषि मई, 2008 को अपने नोएडा स्थित घर में मृत मिली थी। आरुषि की गर्दन किसी धारदार वस्तु से काटी गई थी।
इस मामले की जांच के दौरान शुरू में संदेह घरेलू सेवक हेमराज पर गया, क्योंकि वह लापता था, परंतु दो दिन बाद घर की छत से उसका शव बरामद हो गया था। इस दोहरे हत्याकांड में गाजियाबाद स्थित सीबीआई की अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को तलवार दंपत्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
तलवार दंपत्ति ने अदालत के इस निर्णय को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने तलवार दंपत्ति को बरी करते हुए कहा था कि मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता। (भाषा)