12 राशियां होती हैं- मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ और मीन। सूर्य बारी-बारी से इन 12 राशियों से होकर गुजरता है। सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर को ही संक्रांति कहते हैं। आओ जानते हैं कि तुला संक्रांति ( Sun Transit in Libra 2021 ) का क्या है महत्व।
1. कब होती है तुला संक्रांति : सूर्य का तुला राशि में प्रवेश तुला संक्रांति कहलाता है। यह प्रवेश अक्टूबर माह के मध्य में होता है। सौर मास के दो हिस्से है उत्तरायण और दक्षिणायम। सूर्य के मकर राशी में जाने से उत्तरायण प्रारंभ होता है और कर्क में जाने पर दक्षिणायन प्रारंभ होता है। इस बीच तुला संक्रांति होती है।
2. तुला संक्रांति का महत्व : तुला संक्रांति का कर्नाटक में खास महत्व है। इसे तुला संक्रमण कहा जाता है। इस दिन तीर्थोद्भव या 'तीर्थधव' के नाम से कावेरी के तट पर मेला लगता है, जहां स्नान और दान-पुण्य किया जाता है। इस तुला माह में गणेश चतुर्थी की भी शुरुआत होती है। कार्तिक स्नान प्रारंभ हो जाता है।
3. सूर्य का राशि परिवर्तन कब होगा : इस बार तुला संक्रांति तुला संक्रांति 17 अक्टूबर 2021 रविवार को होगी। सूर्य ग्रह 17 सितंबर से कन्या राशि में है। 17 अक्टूबर को दोपहर 1:00 बजे तुला में प्रवेश करेगा जहां वह 16 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
4. तुला राशि पर प्रभाव : तुला राशि में सूर्य नीच के होकर तुला राशि वालों के लिए समस्याएं खड़ी कर देते हैं। सिंह राशि के स्वामी सूर्य मेष राशि में उच्च, जबकि तुला राशि में सूर्य नीच के हो जाते हैं। सूर्य जब मजबूत होता है, व्यक्ति को यश प्रदान करता है। ऐसे में तुला राशि वालों को एक माह तक धैर्य बनाए रखना होगा। वाद विवाद और भ्रम की स्थिति से बचना होगा। घमंड और गलत कार्यों से दूर रहें और दूसरों का सम्मान करें।