Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

हरियाली तीज पर 3 बातों का त्याग करें, 3 श्रृंगार जरूर करें

हरियाली तीज पर 3 बातों का त्याग करें, 3 श्रृंगार जरूर करें
मेंहदी, झूले, श्रृंगार,लहरिया और घेवर का सौंधा सा पर्व है हरियाली तीज.. इस दिन सुहागिन मेंहदी लगाकर झूलों पर सावन का आनंद मनाती हैं, प्रकृति धरती पर चारों ओर हरियाली की चादर बिछा देती है, और मन मयूर नाच उठता है।
 
हाथों पर हरी मेंहदी लगाना प्रकृति से जुड़ने की अनुभूति है जो सुख-समद्धि का प्रतीक है। इसके बाद वही मेंहदी लाल हो उठती है जो सुहाग, हर्षोल्लास एवं सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करती है।
 
जिस लड़की के ब्याह के बाद पहला सावन आता है, उसे ससुराल में नहीं रखा जाता। इसका कारण यह भी था कि नवविवाहिता अपने मां बाप से ससुराल में आ रही कठिनाइयों, खटटे् मीठे अनुभवों को सखी सहेलियों के साथ बांट सके,और मन हल्का करने के अलावा कठिनाईयों का समाधान भी खोजा जा सके। 
 
नवविवाहित पुत्री की ससुराल से सिंगारा आता है, और ऐसी ही सामग्री का आदान प्रदान किया जाता है ताकि संबंध और मधुर हों और रिश्तेदारी प्रगाढ़ हो।
 
इसमें उसके लिए साड़ियां, सौंदर्य प्रसाधन, सुहाग की चूड़ियां व संबंधित सामान के अलावा उसके भाई बहनों के लिए आयु के अनुसार कपड़े, मिष्ठान तथा उसकी आवश्यकतानुसार गिफ्ट भेजे जाते हैं।
 
तीज से एक दिन पहले मेंहदी लगा ली जाती है। तीज के दिन सुबह स्नानादि श्रृंगार करके, नए वस्त्र व आभूषण धारण करके गौरी की पूजा होती है। इसके लिए मिट्टी या अन्य धातु से बनी शिवजी-पार्वती व गणेश जी की, मूर्ति रख कर उन्हें वस्त्रादि पहना कर रोली, सिंदूर, अक्षत आदि से पूजन किया जाता है।
 
इसके बाद 8 पूरी, 6 पूओं से भोग लगाया जाता है। फिर यह बायना जिसमें चूड़ियां, श्रृंगार का सामान व साड़ी, मिठाई, दक्षिणा या शगुन राशि इत्यादि अपनी सास, जेठानी, या ननद को देते हुए चरण स्पर्श करती हैं। 
 
इसके बाद पारिवारिक भोजन किया जाता है। सामूहिक रुप से झूला झूलना, तीज मिलन, गीत संगीत, जलपान आदि किया जाता है।
 
कुल मिला कर यह पारिवारिक मिलन का सुअवसर होता है, इस दिन तीज पर तीन चीजें तजने का भी विधान है।
 
1. पति से छल कपट, 2 .झूठ और दुर्व्यवहार 3. परनिन्दा।
 
उसी तरह इस दिन 3 श्रृंगार का विशेष महत्व है.. मेंहदी, चूड़ियां और लहरिया साड़ी 
 
तीज पर ही माता गौरा विरह में तपकर शिव से मिली थी। ये तीन सूत्र सुखी पारिवारिक जीवन के आधार स्तंभ हैं, जो वर्तमान आधुनिक समय में और भी प्रासंगिक हो जाते हैं।


Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

पंजाब, उत्तरप्रदेश और राजस्थान का रंगारंग पर्व है हरियाली तीज, जानिए महत्व