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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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पैगन धर्म की 10 खास बातें

पैगन धर्म की 10 खास बातें

अनिरुद्ध जोशी

प्राचीन काल में तो बहुत सारे धर्म हुआ करते थे लेकिन ईसाई और इस्लाम धर्म के उदय के बाद हजारों धर्म लुप्त हो गए। दूसरी ओर कट्टरपंथी देशों में बहुत से धर्मों का अस्तित्व मिट गया है और कुछ जो बचे हैं उनका अस्तित्व संकट में है। फिर भी एक अनुमानित आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में धर्मों की संख्या लगभग 300 से ज्यादा होगी। आओ जानते हैं पैगन धर्म के बारे में।
 
 
पैगन परंपरा (Paganism)
 
1. योरप में मूर्ति पूजकों के धर्म को पैगन धर्म कहा जाता था। ईसाईयत से पहले पैगन धर्म के लोगों की ही तादाद ज्यादा थी और वे अग्नि और सूर्य आदि प्राकृतिक तत्वों के मंदिर बनाकर उसमें उनकी मूर्तियां स्थापित करते थे जहां विधिवत पूजा-पाठ वगैरह होता था।
 
2. पैगन धर्म को मानने वालों को जर्मन के हिथ मूल का माना जाता है, लेकिन यह रोम, अरब और अन्य इलाकों में भी बहुतायत में थे। हालाँकि इसका विस्तार यूरोप में ही ज्यादा था। 
 
3. एक मान्यता अनुसार यह अरब के मुशरिकों के धर्म की तरह था और इसका प्रचार-प्रसार अरब में भी काफी फैल चुका था। यह धर्म ईसाई धर्म के पूर्व अस्तित्व में था।
 
4. पैगन धर्म के लोग यह मानते थे कि यह ब्रह्मांड ईश्‍वर की प्रतिकृ‍ति है इसीलिए वे प्रकृति के सभी तत्वों की आराधना करते थे। चाहे वृक्ष हो, पशु हो, पहाड़, नदी, पक्षी हो, औरत हो, महान मनुष्य हो या निर्जिव वस्तु। 
 
5. पैगन धर्म के लोग प्रकृति, मौसम, जीवन और मृत्यु के चक्र को मानकर उनके अनुसार ही जीवन जीते थे।
 
6. ईसाई धर्म के प्रचलन के बाद इस धर्म के लोग या तो ईसाई बनते गए या यह अपने क्षेत्र विशेष से पलायन करने को मजबूर हो गए। माना जाता है कि उनके धार्मिक ग्रंथ को जला डाला गया। उन्होंने जो भी कहा, लिखा या भोगा आज वह किसी भी रूप में मौजूद नहीं है। यह इतिहासकारों की खोज का विषय बन गया है।
 
7. इतिहासकार साइमन सेबग मोन्टेफ़िओर के मुताबिक़, शुरू में ईसाई बने लोग सामाजिक स्तर पर उसी तरह की मस्ती करने की होड़ में रहते, जैसी मौज-मस्ती ग़ैर-ईसाई पैगन करते थे। रोमनों ने धीरे-धीरे मूर्ति पूजा छोड़ दी और ईसाई धर्म अपना लिया। मगर बदलाव के इस दौर में पैगन कैलंडर धीरे-धीरे ईसाई कैलंडर में समाहित हो गया।
 
8. पैगन धर्म के लोग वंसत में उत्सव मनाते थे। दिसंबार माह की ऋ‍तु में पैगन लोग खूब जमकर पार्टी करते थे। इसमें तोहफों का आदान-प्रदान होता, घरों को मालाओं और हारों से सजाया जाता, खूब खाना होता और शराब पीकर पार्टी की जाती थी।
 
9. 15वीं शताब्दी ईस्वी तक इंग्लैण्ड, फ्रांस, जर्मनी, पुर्तगाल, हालैंड आदि में पैगनों की बहुलता थी। परंतु ईसाइयों के वर्चस्व के चलते पैगन धर्म लुप्त हो गया। सिकन्दरिया का विशाल पुस्तकालय अप्रैल 392 ईसवी में जला डाला गया, जहां पर पैगन धर्म के साहित्य और ग्रंथ रखे हुए थे। योरप में कई जगहों से उनके मंदिरों को भी तोड़े जाने का उल्लेख मिलता है। 
 
10. जनश्रुति के आधार पर यह भी कहा जाता है कि पैगन लोग स्वयं को भारतीय सम्राट ऐल का वंशज मानते थे और स्वयं को हेला कहते थे। आज भी ग्रीस का अधिकृत नाम हेला गणराज्य (हेलेनिक रिपब्लिक) है।

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