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क्या फिर ढलान पर होगा कश्मीर का पर्यटन? बढ़ते आतंकी हमलों के साथ ही कोरोना का नया स्वरूप भी चिंता का कारण

क्या फिर ढलान पर होगा कश्मीर का पर्यटन? बढ़ते आतंकी हमलों के साथ ही कोरोना का नया स्वरूप भी चिंता का कारण
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सुरेश एस डुग्गर

, सोमवार, 29 नवंबर 2021 (16:55 IST)
जम्मू। इस साल जुलाई में अनलाक होने के बाद पटरी पर आता कश्मीर का पर्यटन फिर से हिचकोले खाने लगा है। अक्टुबर में ताबड़तोड़ प्रवासी नागरिकों के साथ ही एक समुदाय विशेष के लोगों की हत्याओं ने उसे जो करारा झटका दिया था, उस पर अब कोरोना का नया स्वरूप भारी साबित होने लगा है।

 
चिंता की साफ लकीरें अब हाउसबोट मालिक रिजवान के चेहरे पर देखी जा सकती थीं, जो अपने हाउसबोट को उन पर्यटकों के लिए सजा रहा था, जो उसके साथ अग्रिम बुकिंग कर चुके थे। दिन में कई बार हालात के बारे में जानने की खातिर उसके ग्राहकों के आने वाले फोन काल ही उसकी चिंता का कारण हैं।

हालांकि आतंकी हमलों को तो वह रूटीन का बता अपने ग्राहकों को संतुष्ट करने की कोशिश करता था, पर कोरोना के बढ़ते मामलों और कोरोना के नए स्वरूप के प्रभाव को लेकर वह उन्हें कोई जवाब नहीं दे पाता था। दरअसल, कश्मीर में कोरोना के नए मामले फिर से नया रिकॉर्ड कायम करने लगे थे।
 
ऐसा ही हाल गुलमर्ग में बर्फ पर स्लेज से पर्यटकों को आनंद देने वाले तथा घोड़े वाले फिर से अपनी रोजी-रोटी पर काले साए की तरह आ रहे कोरोना के नए स्वरूप से भयभीत होने लगे थे। गुलमर्ग में तीन घोड़ों के मालिक अब्दुल रज्जाक कहता था कि जब आतंकियों ने श्रीनगर में क्रमवार कई मासूमों का खून बहाया तो कश्मीर आने वाले पर्यटक गुलमर्ग तथा पहलगाम की ओर दौड़ पड़े थे।

 
पर अब उन्हें चिंता इस बात की भी है कि कहीं कोरोना का नया स्वरूप भी इन इलाकों की दौड़ न लगा ले। 
यूं तो कश्मीर में आतंकवाद 33 सालों से फैला है, पर पर्यटकों के कदमों को आतंकी खतरा उतनी हद तक कभी नहीं रोक पाया जितना कोरोना के खतरे ने रोका है। 2 सालों के बाद पटरी पर आते पर्यटन को कश्मीरी फिर से ढलान की ओर जाते देख चिंतित हो उठे हैं। हालांकि कुछेक पर्यटकों ने अपनी बुकिंगें भी कोरोना की नई लहर के चलते रद्द करवाई हैं, पर इसकी पुष्टि आधिकारिक तौर पर नहीं हो पाई थी।

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