Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

श्री राम नवमी 2021: कब है पूजा के सबसे अच्छे शुभ मुहूर्त, जानिए कैसे मनाएं शुभ पर्व

श्री राम नवमी 2021:   कब है पूजा के सबसे अच्छे शुभ मुहूर्त, जानिए कैसे मनाएं शुभ पर्व
आइए जानते हैं कि 2021 में रामनवमी कब है व रामनवमी 2021 का मुहूर्त क्या है? मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में रामनवमी मनाई जाती है जो भगवान विष्णु के 7वें अवतार थे। प्रत्येक साल हिन्दू कैंलेडर के अनुसार चैत्र मास की नवमी तिथि को श्रीराम नवमी के रूप मनाया जाता है। चैत्र मास की प्रतिपदा से लेकर नवमी तक नवरात्रि भी मनाई जाती है। इन दिनों कई लोग उपवास भी रखते हैं।
 
2021 में रामनवमी कब है?
21 अप्रैल, 2021 (बुधवार)
 
रामनवमी 2021 का शुभ मुहूर्त
 
रामनवमी मुहूर्त :11:02:08 से 13:38:08 तक
अवधि :2 घंटे 36 मिनट
रामनवमी मध्याह्न समय :12:20:09
 
रामनवमी उत्सव
श्री रामनवमी हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है जो देश-दुनिया में सच्ची श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
 
1.  आज के दिन भक्तगण रामायण का पाठ करते हैं।
2.  रामरक्षा स्तोत्र भी पढ़ते हैं।
3.  कई जगह भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है।
4.  भगवान राम की मूर्ति को फूल-माला से सजाते हैं और स्थापित करते हैं।
5.  भगवान राम की मूर्ति को पालने में झुलाते हैं।
राम नवमी की पूजा विधि
राम नवमी की पूजा विधि कुछ इस प्रकार है:
 
1.  सबसे पहले स्नान करके पवित्र होकर पूजा स्थल पर पूजन सामग्री के साथ बैठें।
2.  पूजा में तुलसी पत्ता और कमल का फूल अवश्य होना चाहिए।
3.  उसके बाद श्रीराम नवमी की पूजा षोडशोपचार करें।
4.  खीर और फल-मूल को प्रसाद के रूप में तैयार करें।
5.  पूजा के बाद घर की सबसे छोटी सदस्या सभी लोगों के माथे पर तिलक लगाएं।
पौराणिक मान्यताएं
श्री रामनवमी की कहानी लंकाधिराज रावण से शुरू होती है। रावण अपने राज्यकाल में बहुत अत्याचार करता था। उसके अत्याचार से पूरी जनता त्रस्त थी, यहाँ तक की देवतागण भी, क्योंकि रावण ने ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान ले लिया था। उसके अत्याचार से तंग होकर देवतागण भगवान विष्णु के पास गए और प्रार्थना करने लगे। फलस्वरूप प्रतापी राजा दशरथ की पत्नी कौशल्या की कोख से भगवान विष्णु ने राम के रूप में रावण को परास्त करने हेतु जन्म लिया। तब से चैत्र की नवमी तिथि को रामनवमी के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई। ऐसा भी कहा जाता है कि नवमी के दिन ही स्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना शुरू की थी।
webdunia
Ram Navmi Muhurat 2021

 
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

श्रीराम जी की पवित्र जन्म कथा, रामनवमी पर पढ़ने से मिलता है मनचाहा आशीष