Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

भारत के दूसरे प्रांतों में कैसे मनाया जाता है रक्षाबंधन?

भारत के दूसरे प्रांतों में कैसे मनाया जाता है रक्षाबंधन?

अनिरुद्ध जोशी

जिस तरह भारत के दूसरे प्रांतों में मकर संक्राति और दीपावली को अलग-अलग नाम से और अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है उसी तरह रक्षा बंधन का त्योहार भी अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। भारत में यह त्योहार सिर्फ भाई बहन तक ही सिमित नहीं है और भी कई कारणों से यह त्योहार मनाया जाता है। आओ जानते हैं खास जानकारी।
 
 
1. भारत के पश्चिमी घाट सहित समुद्री क्षेत्रों में यह इस दिन वर्षा के देवता इंद्र और समुद्र के देवता वरुण देव की पूजा की जाती है। मछुआरे भी मछली पकड़ने की शुरुआत इसी दिन से करते हैं। इस‍ दिन समुद्र के देवता भगवान वरुण को श्रावण मास की पूर्णिमा को नारियल प्रदान किए जाते हैं। मतलब समुद्र में नारियल फेंके जाते हैं ताकि समुद्र देव हमारी हर प्रकार से रक्षा करें। इसीलिए इस राखी पूर्णिमा को वहां नारियल पूर्णिमा भी कहते हैं।

 
2. इसी तरह दक्षिण भारत में रक्षा बंधन को अबित्तम कहा जाता है क्योंकि इस दिन पवित्र धागे जनेऊ को बदला जाता है। इसे श्रावणी या ऋषि तर्पण भी कहते हैं। ग्रंथों में रक्षा बंधन को पुण्य प्रदायक, पाप नाशक और विष तारक या विष नाशक भी माना जाता है जो कि खराब कर्मों का नाश करता है।

 
3. उत्तर भारत में इस त्योहार को कजरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान खेत में गेहूं और अन्य अनाज बिछाया जाता है और अच्‍छी फसल की कामना से माता दुर्गा की पूजा की जाती है। 

 
4. इसी तरह गुजरात में रुई को पंचगव्य में भिगोकर उसे शिवलिंग के चारों ओर बांध देते हैं। इस पूजा को पवित्रोपन्ना भी कहा जाता है। हालांकि वहां पर भी बहनें भाई को राखी बांधती हैं।

 
5. अधिकतर क्षेत्रों में इस त्योहार को भाई बहन के रूप में मनाया जाता है। हालांकि अंचलों में फसल से भी इस त्योहार को जोड़कर देखा जाता है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

जब एक शाप से तीनों लोक हुए श्रीहीन