चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमानजी का जन्म भी रहता है। ऐसे में यह पूर्णिमा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। चैत्र पूर्णिमा को चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है। आओ जानते हैं कि कौनसे 5 प्रमुख कार्य इस पूर्णिमा के दिन करना चाहिए।
1. इस दिन भगवान सत्य नारायण की पूजा कर उनकी कृपा पाने के लिए सत्यनारायण की कथा सुनते हैं और पूर्णिमा का उपवास रखते हैं। इससे घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है।
2. इस दिन रात्रि के समय चंद्रमा की पूजा की जाती है। यदि कुंडली में चंद्र दोष है तो वह दूर हो जाता है।
3. उत्तर भारत में चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस दिन हनुमनजी की विधिवत पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। हर तरह के संकट मिट जाते हैं।
4. चैत्र पूर्णिमा पर नदी, तीर्थ, सरोवर और पवित्र जलकुंड में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन दान, जप, हवन और व्रत भी किया जाता है। इस दिन गरीब व्यक्तियों को दान देना चाहिए।
5. कहते हैं कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज में महाराज रचाया था। अत: इस दिन उनकी पूजा करने उन्हें भोग लगाने से जीवन में सुख और शांति की स्थापना होती है।
पूर्णिमा व्रत-पूजन नियम : प्रातः काल स्नान करने के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें। फिर व्रत का संकल्प लेकर भगवान सत्य नारायण की पूजा करने के बाद उनकी कथा सुने। हनुमानजी और श्रीकृष्ण का पूजन करने के बाद रात्रि में विधि पूर्वक चंद्रदेव का पूजन करने के बाद उन्हें जल अर्पण करें। अंत में किसी गरीब को भोजन कराएं या किसी मंदिर में दान देकर ही व्रत पूर्ण करें।
चेतावनी : इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।