Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

टीवी-फ्रिज का हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से कनेक्शन, जानिए क्या है पूरा मामला?

टीवी-फ्रिज का हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से कनेक्शन, जानिए क्या है पूरा मामला?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, रविवार, 7 अप्रैल 2024 (22:56 IST)
TV-fridge's connection with Hemant Soren's arrest : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 31 करोड़ रुपए से ज्यादा की कीमत की 8.86 एकड़ जमीन अवैध तरीके से हासिल की थी। यह बात साबित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक फ्रिज और स्मार्ट टीवी के बिलों को सबूतों में शामिल किया है।
 
अदालत ने 4 अप्रैल को आरोप पत्र पर संज्ञान लिया : संघीय जांच एजेंसी ने रांची स्थित 2 डीलर से ये रसीदें प्राप्त कीं और उन्हें पिछले महीने 48 वर्षीय झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नेता और 4 अन्य के खिलाफ दायर अपने आरोप पत्र में शामिल किया। रांची में न्यायाधीश राजीव रंजन की विशेष पीएमएलए अदालत ने 4 अप्रैल को आरोप पत्र पर संज्ञान लिया।
 
बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में : सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 31 जनवरी को कथित रूप से भूमि हड़पने से संबंधित धनशोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। वह फिलहाल रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी के अनुसार, दोनों उपकरण संतोष मुंडा के परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदे गए थे।
 
संतोष मुंडा ने एजेंसी को बताया था कि वह 14-15 वर्षों से उक्त भूमि (8.86 एकड़) पर रह रहा था और हेमंत सोरेन के लिए इस संपत्ति की देखभाल करने का काम करता था। एजेंसी ने सोरेन के इस दावे का खंडन करने के लिए मुंडा के बयान का इस्तेमाल किया कि उनका (सोरेन का) उक्त भूमि से कोई संबंध नहीं है।
ईडी ने जमीन पर राजकुमार पाहन नामक व्यक्ति के दावे को भी खारिज कर दिया और आरोप लगाया गया कि वह सोरेन का सहयोगी है, जिसने संपत्ति को अपने नियंत्रण में दिखाने की कोशिश की। ईडी ने दावा किया कि पिछले साल अगस्त में इस मामले में सोरेन को पहला समन जारी होने के तुरंत बाद पाहन ने रांची के उपायुक्त को पत्र लिखकर कहा था कि उनके और कुछ अन्य लोगों के कब्जे में जमीन है और अन्य मालिकों के नाम पर पहले के दाखिल दावे को खारिज को रद्द किया जाए और उन्हें उनकी संपत्ति से बेदखल होने से बचाया जाए।
ईडी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने सोरेन की गिरफ्तारी से दो दिन पहले 29 जनवरी को पाहन को जमीन वापस कर दी, ताकि झामुमो नेता का नियंत्रण और कब्जा निर्बाध बना रहे। संघीय जांच एजेंसी के अनुसार, भूमि मूल रूप से 'भुइंहारी' संपत्ति है, जिसे सामान्य परिस्थितियों में किसी को हस्तांतरित या बेचा नहीं जा सकता है।
 
यह जमीन आरोपी राजकुमार पाहन के कब्जे में नहीं थी : एजेंसी ने कहा कि फरवरी 2017 में मुंडा के बेटे के नाम पर एक फ्रिज खरीदा गया था, जबकि उनकी बेटी के नाम पर नवंबर 2022 में एक स्मार्ट टीवी खरीदा गया था और ये इसी जमीन के पते पर खरीदा गया था। ईडी ने कहा कि यह साबित होता है कि संतोष मुंडा और उनका परिवार इस संपत्ति पर रह रहा था और यह आरोपी राजकुमार पाहन के कब्जे में नहीं थी।
एजेंसी ने दावा किया कि राजकुमार पाहन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सहयोगी के रूप में काम कर रहे थे, ताकि संपत्ति को किसी तरह पाहन और उसके परिवार के सदस्यों के कब्जे में दिखाया जा सके और सोरेन के खिलाफ सबूतों को विफल किया जा सके एवं अपराध की आय को छुपाया जा सके। ईडी ने 191 पन्नों के आरोप पत्र में सोरेन, राजकुमार पाहन, हिलारियास कच्छप, भानु प्रताप प्रसाद और बिनोद सिंह को आरोपी बनाया गया है।(भाषा)
Edited : Nrapendra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

कन्हैया कुमार ने बताया, भाजपा ने क्यों दिया 400 पार का नारा?