Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारों के एलान के बाद ‘घर’ से लेकर ‘बाहर’ तक घिरी कांग्रेस

छत्सीगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र में बाहर के नेताओं को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने पर उठे सवाल

राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारों के एलान के बाद ‘घर’ से लेकर ‘बाहर’ तक घिरी कांग्रेस
webdunia

विकास सिंह

, सोमवार, 30 मई 2022 (13:01 IST)
उदयपुर कांग्रेस चिंतन बैठक में भले ही कांग्रेस में युवा चेहरों को आगे करने की बात कही गई है लेकिन कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की जो सूची जारी की है उसको देखकर तो कांग्रेस में बदलाव की बात बेईमानी सी लगती है। कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए जिन 10 उम्मीदवारों पर अपना दांव लगाया है उसमें  इमरान प्रतापगढ़ी को छोड़कर सूची में सभी नाम ऐसे है जिनकी गिनती पार्टी के पुराने सिपाहसालार के तौर पर होती है।

कांग्रेस की राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची में मध्यप्रदेश से विवेक तन्खा, छत्तीसगढ़ से राजीव शुक्ला और रणजीत रंजन, राजस्थान से रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी, हरियाणा से अजय माकन, कर्नाटक से जयराम रमेश,  महाराष्ट्र से इमरान प्रतापगढ़ी और तमिलनाडु से पी चिदंबरम के नाम शामिल है।
 
कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवारों की यह सूची पार्टी के जमीन कार्यकर्ताओं और राजनीति के जानकारों के लिए बेहद चौंकाने वाली है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान से पार्टी ने स्थानीय और अपेक्षित चेहरों को दरकिनार करते हुए बाहरी उम्मीदवार थोंपे हैं। छत्तीसगढ़ जहां कांग्रेस 71 विधायकों के साथ सत्ता में काबिज है वहां पर स्थानीय नेताओं को टिकट नहीं देने पर भाजपा ने तंज कसा है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस और भूपेश बघेल के लिए छत्तीसगढ़िया सिर्फ बातों में है,जब नेतृत्व की बात आती है तो इधर-उधर के राज्यों से नेता आयातित कर उन्हें राज्यसभा भेज देते हैं। भाजपा ने कभी किसी बाहरी नेता को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा नहीं भेजा और यह सरकार छत्तीसगढ़ी लोगों का अधिकार छीनने में लगी है। 
 
वहीं महाराष्ट्र जहां कांग्रेस सत्ता में भागीदारी कर रही है वहां से शायर इमरान प्रतापगढ़ी को भेजे जाने पर पार्टी के अंदर ही अंसतोष उभर कर सामने आ गया है। महिला कांग्रेस की महासचिव और अभिनेत्री नगमा ने इमरान प्रतापगढ़ी की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए कहा “हमारी भी 18 साल की तपस्या कम पड़ गई इमरान भाई के आगे”। नगमा ने ट्वीट कर लिखा कि 2003/04  में पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद राज्यसभा में भेजे जाने का वादे किया गया था लेकिन यह आज तक नहीं पूरा हुआ है।
 
वहीं राज्यसभा के लिए दावेदारों की सूची में शामिल रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा का भी दर्द सामने आ गया है उन्होंने कहा कि “शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई”। वहीं कांग्रेस नेता और लखनऊ से लोकसभा उम्मीदवार रहे चुके आचार्य प्रमोद कृष्णम की नाराजगी भी खुलकर सामने आ गई है। उन्होंने पवन खेड़ा के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि “प्रतिभाओं का दमन करना पार्टी के लिए आत्मघाती कदम है”। 
 
राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची में गांधी परिवार के करीबियों को पार्टी की मेहरबानी साफ दिखाई देती है। वहीं पिछले कुछ समय से कांग्रेस पर सवाल उठा रहे गुलाम नबी आजाद को पार्टी ने फिर मौका नहीं देकर दूरी बना ली है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने जमीनी कार्यकर्ताओं को एक बार फिर निराश किया है। राजीव शुक्ला, अजय माकन, जयराम रमेश, इमरान प्रतापगढ़ी, मुकुल वासनिक ऐसे नाम है जो 10 जनपथ के साथ राहुल और प्रियंका के  करीबी है। 
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

सिद्धू मूसेवाला के 'LAST RIDE' और '295' गानों से क्‍या है उनकी ‘मौत का कनेक्‍शन’