चंद्र ग्रहण एवं सूर्य ग्रहण विलक्षण खगोलीय घटना है जो प्रत्येक वर्ष घटित होती है। इन्हें खुली आंखों से सीधे देखना काफी हानिकारक माना जाता है। नंगी आंखों से ग्रहण देखने से आंखों की रोशनी पर इसका प्रभाव पड़ता है। आंखों की रोशनी मंद पड़ सकती है। वैसे जानकारों के अनुसार सूर्यग्रहण को कोरी आंखों से देखना नुकसानदायक होता है चंद्रग्रहण को नहीं।
सूर्य ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण को देखने के लिए आपको बहुत अधिक सावधानी बरतने की जरूरत नहीं है। आप किसी विशेष सोलर फिल्टर वाले चश्मे के साथ या उसके बिना भी चंद्र ग्रहण को बेहद आसानी से देख सकते हैं।
आप अपने घर की छत, खुले मैदान या पार्क में खड़े होकर आंखों को ऊपर उठाकर सीधे चंद्रग्रहण देख सकते हैं।
चंद्र ग्रहण देखने के लिए आपको अपनी आंखों की सुरक्षा की चिंता नहीं करनी चाहिए। चूंकि चंद्रमा की रोशनी आंखों पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं डालती है इसलिए आप बिना चश्मे के चंद्रग्रहण देख सकते हैं।
चंद्रमा की अपेक्षा सूर्य की रोशनी अत्यधिक तेज होती है जो आंखों के लिए नुकसानदायक होती है। सूर्य ग्रहण के दौरान सोलर रेडिएशन के कारण आंखों के नाजुक ऊतक क्षतिग्रस्त हो जाते हैं जिसके कारण आंखों की रेटिना पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जबकि चंद्रग्रहण के दौरान सोलर रेडिएशन का कोई खतरा नहीं रहता है और ना ही आंखें प्रभावित होती हैं। यही कारण है कि चंद्र ग्रहण को खुली आंखों से देखा जा सकता है।
लेकिन अगर आप ज्योतिष और धर्म में विश्वास रखते हैं तो चंद्र ग्रहण को देखने से बचें। चंद्र ग्रहण दिल, दिमाग और मन पर असर करता है। जैसे ज्वार-भाटा को चंद्र ग्रहण प्रभावित करता है उसी तरह भावनाओं के ज्वार पर भी असर डालता है।
चंद्र ग्रहण के देखने के बाद और ग्रहण के दौरान आप उद्विग्न, विचलित या क्रोधित रह सकते हैं।
चंद्र ग्रहण देखने से सिर में भारीपन की शिकायत हो सकती है।
मानसिक बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति को चंद्र ग्रहण से दूर रखा जाता है।
अगर आप बहुत भावुक किस्म के व्यक्ति हैं तो भी चंद्र ग्रहण देखने से आपकी भावनाओं में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
चंद्र ग्रहण अगर आपकी राशि के लिए अशुभ बताया जा रहा है तो फिर आधुनिक होने के चक्कर में इसे देखने का प्रयास न करें।