गुप्ताजी का कसूर बताएं??
उनकी धर्मपत्नी जी ने सुबह दस बजे, गैस धीमी करके कुकर चढ़ाया और उनसे कहा-
सीटियां गिनते रहना और 3 बज जाएं तब गैस बंद कर देना।
गुप्ता जी के अनुसार 12 बजे तक, 147 बार सीटियां बजीं, फिर सीटियां बजनी भी बंद हो गई, जबकि घड़ी में 3 बजने में काफी समय बाकी था।।
उनकी पत्नी ने उनको बहुत धोया। बेचारे की समझ में नहीं आ रहा है कि गलती कहां हुई??
यही तो कहा था कि 3 बज जाए तब गैस बंद कर देना।