Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

सच्चा सुख और शांति चाहिए तो जपें प्रभु राम का नाम...

सच्चा सुख और शांति चाहिए तो जपें प्रभु राम का नाम...
* ज्योतिष की नजर से  प्रभु श्रीराम की स्तुति
 
जो आनंद सिंधु सुख रासी। 
सीकर तें त्रैलोक सुपासी ।। 
 
सो सुख धाम राम अस नामा। 
अखिल लोक दायक विश्रामा।। 
 
जो आनंद के समुद्र और सुख के भंडार है, जिनके एक बूंद से तीनों लोक सुखी हो जाते हैं, उनका नाम राम है। वे सुख के धाम है और संपूर्ण लोकों को शांति देने वाले है। 
 
तुलसी दास कहत‍े है 'राम' शब्द सुख-शांति के धाम का सूचक है। राम की प्राप्ति से ही सच्चे सुख और शांति की प्राप्ति होती है। 
 
राम सर्व शक्तिमान है। उनके भौहों के इशारे मात्र से सृष्‍टि की उत्पत्ति और विनाश होता है। 
 
तुलसी दास जी कहत‍े है कि 
उमा राम की भृकुटि विलासा। होई विश्व पुनि पावइ नासा।। 
 
अर्थात् शिवजी कहते है (मां पार्वती से)- हे उमा राम के भौहों के इशारे पर संसार की उत्पत्ति और फिर विनाश हुआ करता है। हमारी आत्मा भी इस सृष्टि को पैदा करने वाले सर्व शक्तिमान परमात्मा का ही अंश है, जैसा कि गोस्वामी तुलसी दास कहते है।
 
वे कहते हैं कि जीव ईश्‍वर का अंश है। इसलिए वह अविनाशी चेतन, निर्मल और सहज सुख का भंडार है। जीव ने सहज सुख को प्राप्त करने के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम के चरित्र से कुछ प्रेरणा लेना चाहिए। राम एक आदर्श पुत्र नहीं, आदर्श पति है, आदर्श भाई भी है। मनुष्य इन आदर्शों को अपने जीवन में अपना ले तो वह सर्व सुखमय हो जाए। परंतु मानव सिर्फ राम की पूजा में लिप्त रहता है, उनके चरित्र को जीवन में नहीं उतारता। सच्ची पूजा वहीं है, जो राम के चरित्र का अंश मात्र ही अपना ले, तो जीवन धन्य हो जाए। 
 
भक्त को सरल और निष्कपट भाव से सदा संतुष्ट रहना चाहिए। उसे लाभ हानि, सुख-दुख आदि से ऊपर उठ जाना चाहिए। जो प्रभु को सर्वव्यापक मानता है और जिसे हर व्यक्ति में परम पिता का प्रकाश समाया हुआ दिखाई देता है। वह सपने में भ‍ी किसी छल-कपट का व्यवहार नहीं कर सकता। 
 
जो अपनी इच्छा को प्रभु (राम) की इच्छा अधीन कर देता है। उसे लोक-परलोक के सुख प्राप्त हो जाते है और वह अनंत राम यानी प्रभु में समा जाता है। 
 
अत: राम नवमी के दिन हम प्रभु श्रीराम के चरित्र का सिर्फ गुणगान न कर, उनके चरित्र से कुछ ग्रहण करके अपने जीवन को धन्य बनाएं और प्रभु में लीन हो जाएं। 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

दुर्गा के 9 रूप हैं और 9 प्राकृतिक खाद्य पदार्थ