पूर्वी मेदिनीपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का उद्देश्य चुनाव जीतकर अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को मुख्यमंत्री बनाना है, जबकि भाजपा का लक्ष्य राज्य के पुराने गौरव को लौटाना और 'सोनार बांग्ला' का निर्माण करना है।
जिले के एग्रा स्थित एक स्कूल मैदान में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद वह राज्य के सरकारी कर्मर्चारियों के लिए ना सिर्फ सातवां वेतन आयोग लागू करेगी और ऐसी नीति लाएगी ताकि रोजगार के लिए युवाओं को बाहर का रुख न करना पड़े।
उन्होंने कहा, सैंतीस साल तक आपने वामपंथियों की सरकार चुनी और फिर आपने दीदी की सरकार चुनी, लेकिन इनमें से किसी ने बंगाल का भला नहीं किया। यहां हर काम के लिए कटमनी देना पड़ता है, तोलाबाजी हो रही है।उन्होंने कहा कि वामपंथी शासन से तंग आकर राज्य की जनता ने बड़ी उम्मीदों के साथ तृणमूल कांग्रेस को चुना था, क्योंकि दीदी ने बदलाव का वादा किया था।
शाह ने लोगों से पूछा कि क्या पिछले 10 सालों में यहां बदलाव आया है? उन्होंने कहा, राज्य में घुसपैठ का सिलसिला जारी है। कोई बदलाव नहीं आया है। ममता दीदी क्या बंगाल को घुसपैठ से मुक्ति दिला सकती हैं? नहीं दिला सकतीं, हमारी सरकार बनी तो हम राज्य को घुसपैठियों से मुक्त करेंगे।
शाह ने कहा, ममता दीदी अपने भतीजे को मुख्यमंत्री बनाना चाहती हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य को सोनार बांग्ला में तब्दील करना चाहते हैं। यदि आप सोनार बांग्ला देखना चाहते हैं तो राज्य में भाजपा की सरकार सुनिश्चित कीजिए।
उन्होंने कहा, हमने तय किया है कि हम यहां ऐसी सरकार लाएंगे, जिसके रहते बंगाल के युवा को बंगाल के बाहर रोजगार के लिए नहीं जाना पड़ेगा। ये जो तुष्टिकरण और घुसपैठ हो रही है, उसको भी रोकने का काम भाजपा सरकार करेगी। पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने वादा किया कि भाजपा की सरकार बनते ही सातवें वेतन आयोग को लागू कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार शिक्षकों का वेतन भी बढ़ाएगी, मछुआरों को प्रतिवर्ष 6000 रुपए की आर्थिक मदद देगी और क्षेत्र की स्थानीय जनता के कौशल विकास के लिए योजनाएं चलाएगी। शाह ने ममता सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का भी आरोप लगाया और कहा कि सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार सुनिश्चित करेगी कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसरण में किसी प्रकार की दखलअंदाजी न हो।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में सरस्वती पूजा के आयोजन के लिए शिक्षकों को पीटा जाता है। भाजपा की सरकार बनने के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस पर किसी प्रकार की कोई रोक न हो।(भाषा)