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सुरक्षाबलों को जम्मू-कश्मीर में इस साल बड़े स्‍तर पर घुसपैठ रोकने में मिली कामयाबी

सुरक्षाबलों को जम्मू-कश्मीर में इस साल बड़े स्‍तर पर घुसपैठ रोकने में मिली कामयाबी
, शनिवार, 10 अक्टूबर 2020 (18:23 IST)
श्रीनगर। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हालात नियंत्रण में हैं और सुरक्षाबलों को इस साल सीमा पार से होने वाली घुसपैठ पर बड़े स्तर पर रोक लगाने में कामयाबी मिली है।

श्रीनगर स्थित सेना के चिनार कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि इस साल नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ कर इस ओर आए आतंकवादियों की संख्या 30 से कम है। उन्होंने यहां कहा, एलओसी पर हालात नियंत्रण में हैं।

संघर्ष विराम उल्लंघन की कुछ घटनाएं हो रही हैं जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान घुसपैठ में मदद करने के लिए करता है लेकिन उन इलाकों में भी स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है।लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा, इस साल हम घुसपैठ को बड़े पैमाने पर रोकने में सफल हुए हैं।

पिछले साल करीब 130 आतंकवादियों ने घुसपैठ की थी लेकिन इस साल यह संख्या 30 से नीचे है जो बहुत कम है।श्रीनगर के बाहरी इलाके रंगरथ में बने जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री रेजीमेंटल केंद्र में 301 युवाओं के पासिंग आउट सह ‘अटेस्टेशन’ परेड (प्रशिक्षण पूरा होने पर बल में शामिल होने की प्रक्रिया एवं सत्यापन) से इतर वह बातचीत कर रहे थे।

वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने उम्मीद जताई कि कम घुसपैठ की वजह से घाटी के आंतरिक हालात बेहतर होंगे।उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद निरोधी अभियान घाटी में जारी है और सुरक्षाबलों द्वारा आतंकवादियों को मार गिराया जा रहा है।

लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा, आज सुबह ही एक विदेशी और एक स्थानीय आतंकवादी (कुलगाम मुठभेड़ में) को मार गिराया गया। हमने देखा है कि जहां भी विदेशी आतंकवादी को मार गिराया जाता है उस इलाके में शांति आ जाती है।

पिछले दो-तीन महीने के अभियान की वजह से पुलवामा और शोपियां के इलाकों में काफी हद तक शांति आ गई है।कोर कमांडर ने कहा कि गत छह महीनों में नए आतंकवादियों की भर्ती में कमी आई थी लेकिन पिछले महीने से एक बार फिर इसने गति पकड़ी है।

उन्होंने कहा, लेकिन मैं उम्मीद की किरण देखता हूं क्योंकि कई आतंकवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ आत्मसमर्पण किया है। हम इसकी विस्तृत जानकारी साझा नहीं करेंगे लेकिन यह अच्छा संकेत है।सैन्य अधिकारी ने कहा कि उत्तरी कश्मीर के मुकाबले दक्षिण कश्मीर में समस्या अधिक गंभीर है लेकिन कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है।

एलओसी से लगते पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में बने ‘लांचिग पैड’ पर आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में उन्होंने कहा कि खुफिया सूचना के मुताबिक, वहां पर 250 से 300 आतंकवादी मौजूद हैं। लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, लेकिन उनकी घुसपैठ की लगातार कोशिशों के बावजूद हम उन्हें रोकने में कामयाब हुए हैं।

उन्होंने कहा कि सुरक्षाबल आतंकवादियों के आत्मसमर्पण करने की नीति पर काम कर रहे हैं, ताकि मुख्यधारा में शामिल होने में उनकी मदद की जा सके। सैन्य अधिकारी ने कहा, आत्मसमर्पण की नीति पर हम काम कर रहे हैं और हमने अपनी सिफारिशें भेज दी हैं, लेकिन अभी किसी नीति को अंतिम रूप नहीं दिया गया है, पर नीति की अनुपस्थिति में भी हमारे पास एक प्रणाली है, जिसके जरिए कोई (आतंकवादी) वापस आता है तो हम उसे स्वीकार करते हैं।
केंद्रशासित प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव के बारे में कोर कमांडर ने कहा कि शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए जैसी भी मदद की जरूरत होगी, सेना वह देगी। इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने रेजीमेंटल सेंटर में एक साल का प्रशिक्षण पूरा करने वाले 301 सैनिकों के पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया।(भाषा)

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