Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

फनी कविता : सबसे छोटा होना

फनी कविता : सबसे छोटा होना
webdunia

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

poem on kids
सभी समझते मुझको भौंदू 
कहते नन्हा छौना।
पता नहीं क्यों लोग मानते,
मुझको महज खिलौना 
 
कभी हुआ सोफा गीला तो,
डांट मुझे पड़ती है।  
बिना किसी की पूछताछ मां, 
मुझ पर शक करती है।
मैं ही क्यों रहता घेरे में,
गीला अगर बिछौना।
 
चाय गिरे या ढुलके पानी,
मैं घोषित अपराधी।
फिर तो मेरी डर के मारे,
जान सूखती आधी।
पापा के गुस्से के तेवर,
मुझको पड़ते ढोना।
 
दिन भर पंखे चलते रहते,
बिजली रहती चालू।
दोष मुझे देकर सब कहते,
यह सब करता लालू।
बहुत कठिन है भगवन घर में,
सबसे छोटा होना। 
 
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)


Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

1 माह तक गर्म पानी पीने के हैरान करने वाले 10 फायदे