Leopards created a stir in Indore : मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में सैन्य छावनी, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और रिहायशी इलाकों में तेंदुओं की लगातार तेज होती हलचल के मद्देनजर विशेषज्ञों ने बढ़ते शहरीकरण से इस वन्य जीव की प्राकृतिक बसाहटें नष्ट होने पर चिंता जताई है।
इंदौर के वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) एमएस सोलंकी ने गुरुवार को बताया कि महू स्थित सैन्य छावनी, सिमरोल स्थित आईआईटी परिसर और रालामंडल अभयारण्य से सटी एक टाउनशिप में तेंदुए की हलचल लगातार दर्ज की जा रही है। उन्होंने बताया कि ये तीनों स्थान जंगलों से सटे हैं जहां से तेंदुओं की आवाजाही बनी रहती है।
सोलंकी ने बताया कि महू के सैन्य छावनी क्षेत्र स्थित आर्मी वॉर कॉलेज परिसर में लगाए गए पिंजरे में एक तेंदुआ हाल ही में कैद हो गया था, लेकिन वह पिंजरा तोड़कर भाग निकला। डीएफओ ने कहा, यह पिंजरा पुराना था। हमने चार नए पिंजरे बनवाने का ऑर्डर दिया है। उन्होंने बताया कि 2019 की गिनती के मुताबिक इंदौर वन मंडल में तेंदुओं की तादाद 60 के आसपास होने का आकलन है।
मध्यप्रदेश वन्य जीव बोर्ड के सदस्य अभिलाष खांडेकर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इंदौर के आसपास तेज रफ्तार से बढ़ता शहरीकरण जंगलों की सरहदों तक जा पहुंचा है और अपनी प्राकृतिक बसाहटें नष्ट होने से तेंदुओं को मानवीय बस्तियों का रुख करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, गुजरे बरसों में इंदौर के जंगलों में तेंदुओं की आबादी बढ़ी है। ये वन्य जीव अक्सर भूख के कारण मानवीय बस्तियों की राह पकड़ते हैं, जहां उन्हें बकरी और कुत्ते जैसे शिकार आसानी से मिल जाते हैं। खांडेकर ने कहा कि इन हालात में तेंदुओं को बचाने के लिए नए सिरे से प्रयास किए जाने की जरूरत है, ताकि वन्य जीवों और मनुष्यों के बीच का संघर्ष रोका जा सके। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour