Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

नई कविता - तारीख

नई कविता - तारीख
webdunia

देवेन्द्र सोनी

तारीखें, आती हैं-जाती हैं 
फिर-फिर आती हैं 
पर समाया रहता है इनमें
सृष्टि का, हम सबका
कहा / अनकहा 
वह हिसाब, जो 
चलता है जन्म-जन्मांतर तक।
 
बच नहीं सकता 
इन तारीखों से कोई ।
 
इसलिए जरूरी है -
रखें यह ध्यान 
हर तारीख में हो वही दर्ज
जिससे जब भी मिले 
प्रतिफल हमको, हो वह सुखद
और पछतावे से रहित।
 
दें जो वह सुखानुभूति 
जिसमें समाहित हो 
इंसानियत का हर रंग।
 
बनाएंगे न अब से हम 
हर तारीख को ऐसी ही तारीख।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

रामकथा पर आधृत उपन्यास : अभ्युदय