मृत पति की कब्र पर पत्नी ने बड़े प्यार से संगमरमर का पत्थर लगवाया और उस पर खुदवाया- 'शांति से सो जाओ प्रिये'।
दो दिन बाद पति की वसीयत पढ़ी गई। पत्नी को पता चला कि पति ने उसके नाम कुछ नहीं छोड़ा।
वह कब्रिस्तान गई और पत्थर पर आगे खुदवा दिया- 'जब तक मैं नहीं आती'।