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हिन्दू नव वर्ष कब मनाया जाता है 2024 में?

हिन्दू नव वर्ष कब मनाया जाता है 2024 में?
, शनिवार, 30 दिसंबर 2023 (15:10 IST)
Hindu New Year 2024: अभी हिंदू नव संवत्सर 2080 चल रहा है। इसके बाद 9 अप्रैल 2024 से विक्रम संवत 2081 प्रारंभ हो जाएगा। हिंदू नवर्ष की शुरुआत चैत्र माह से होती है। चैत्र माह इस नववर्ष का पहला माह है। हर संवत्सर यानी नववर्ष का नाम भिन्न होता है। जैसे वर्तमान में चला रहा संवत्सर शोभकृत नाम से प्रसिद्ध है। अगला पिंगला होगा।
 
नवसंवत्सर 2081 का नाम और प्रभाव : हिंदू माह 2080 चल रहा है और 9 अप्रैल 2024 से विक्रम संवत 2081 प्रारंभ हो जाएगा। इस 2081 के संवत्सर का नाम क्रोधी रहेगा। पंचांग भेद से इसका नाम कालयुक्त है, इसका राजा मंगल है और मंत्री होगा शनि। इस वर्ष ग्रहों के दशाधिकार में 7 विभाग क्रूर ग्रहों को और 3 विभाग शुभ ग्रहों को मिले हुए हैं। मंगल के राजा और शनि के मंत्री होने से यह वर्ष बहुत ही उथल पुथल वाला रहेगा। शासन में कड़ा अनुशासन देखने को मिलेगा।
 
सभी राज्यों में नाम अलग वर्ष एक ही : इस नववर्ष विक्रम संवत को सभी हिन्दी भाषी राज्यों में इसे गुड़ी पड़वा अन्य राज्यों में युगादि, उगादि, वरेह, चेटीचंड, विशु, वैशाखी, चित्रैय तिरुविजा, सजिबु नोंगमा पानबा या मेइतेई चेइराओबा आदि के नाम से जाना जाता है। 
 
क्यों कहते हैं नव संवत्सर : दरअसल, जिस तरह प्रत्येक माह के नाम नियुक्त हैं, जैसे चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, अगहन, पौष, माघ और फाल्गुन, उसी तरह प्रत्येक आने वाले वर्ष का एक नाम होता है। 12 माह के 1 काल को संवत्सर कहते हैं और हर संवत्सर का एक नाम होता है। इस तरह 60 संवत्सर होते हैं। वर्तमान में विक्रम संवत् 2080 से 'पिंगला' नाम का संवत्सर प्रारंभ होगा। इसके पहले नल संवत्सर चल रहा था।
 
60 संवत्सरों के नाम : प्रत्येक वर्ष का अलग नाम होता है। कुल 60 वर्ष होते हैं तो एक चक्र पूरा हो जाता है। इनके नाम इस प्रकार हैं:- प्रभव, विभव, शुक्ल, प्रमोद, प्रजापति, अंगिरा, श्रीमुख, भाव, युवा, धाता, ईश्वर, बहुधान्य, प्रमाथी, विक्रम, वृषप्रजा, चित्रभानु, सुभानु, तारण, पार्थिव, अव्यय, सर्वजीत, सर्वधारी, विरोधी, विकृति, खर, नंदन, विजय, जय, मन्मथ, दुर्मुख, हेमलम्बी, विलम्बी, विकारी, शार्वरी, प्लव, शुभकृत, शोभकृत, क्रोधी, विश्वावसु, पराभव, प्ल्वंग, कीलक, सौम्य, साधारण, विरोधकृत, परिधावी, प्रमादी, आनंद, राक्षस, नल, पिंगल, काल, सिद्धार्थ, रौद्रि, दुर्मति, दुन्दुभी, रूधिरोद्गारी, रक्ताक्षी, क्रोधन और अक्षय।

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