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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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धनतेरस कब है? आज से ही कुबेर को कर लें प्रसन्न

धनतेरस कब है? आज से ही कुबेर को कर लें प्रसन्न
Dhanteras kab hai 2022 : दीपावली के पांच दिन के उत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, कुबेर और यमदेव की पूजा होती है। इस बार आश्‍विन माह की अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण होने के कारण दीपावली का पर्व 25 की बजाया 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस मान से धनतेरस की तिथि भी बदली है। आओ जानते हैं कि कब है धनतेरस का पर्व और कैसे करें कुबेरदेव को प्रसन्न।
 
धनतेरस कब है 2022 | When is Dhanteras 2022 : 22 तारीख शनिवार को द्वादशी तिथि 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगी इसके बाद त्रयोदशी प्रारंभ होगी। त्रयोदशी अगले दिन शाम 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगी। ऐसे में कुछ लोग धनतेरस 22 की रात को मनाएंगे और कुछ लोग उदयातिथि के अनुसार 23 अक्टूबर 22 रविवार को मनाएंगे। कई विद्वानों के अनुसार 23 अक्टूबर को ही धनतेरस है और इसी दिन नरक चतुर्दशी भी रहेगी।
 
- कुबेरदेव को यक्षराज कहते हैं। रावण के सौतेले भाई कुबेर को भगवान शंकर ने 'धनपाल' होने का वरदान दिया था। इसीलिए कुबेर को सुख-समृद्धि देने वाला देवता माना जाता है। 
 
- देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर देव को पूजने से भी पैसों से जुड़ी तमाम समस्याएं दूर रहती हैं।
 
- धनतेरस के पूर्व ही उत्तर दिशा को सफ सुथरा और दुरुस्त कर लें। घर की उत्तर दिशा में भगवान कुबेर का वास होता है। कहते हैं अगर इस दिशा को वास्तु के अनुरूप रखा जाए तो अपार धन और संपत्ति के मालिक बन सकते हैं।
 
- इसीलिए उत्तर दिशा में हरे रंग के तोते का तस्वीर लगाने से वहां का दोष समाप्त होकर मनुष्य को शुभदायी फल प्राप्त होने लगते हैं।
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धन के देवता कुबेर के मंत्र 5 :- धनतेरस से पहले ही जान लें कि कुबेरदेव के कौनसे हैं खास मंत्र जिससे वे होते हैं प्रसन्न। कुबेर मंत्र को दक्षिण की ओर मुख करके ही सिद्ध किया जाता है। 
 
1. अति दुर्लभ कुबेर मंत्र इस प्रकार है- मंत्र- ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।
 
2. विनियोग- अस्य श्री कुबेर मंत्रस्य विश्वामित्र ऋषि:वृहती छन्द: शिवमित्र धनेश्वरो देवता समाभीष्टसिद्धयर्थे जपे विनियोग:
 
हवन- तिलों का दशांस हवन करने से प्रयोग सफल होता है। यह प्रयोग शिव मंदिर में करना उत्तम रहता है। यदि यह प्रयोग बिल्वपत्र वृक्ष की जड़ों के समीप बैठ कर हो सके तो अधिक उत्तम होगा। प्रयोग सूर्योदय के पूर्व संपन्न करें।  
 
3. मनुजवाह्य विमानवरस्थितं गुरूडरत्नानिभं निधिनाकम्।
शिव संख युक्तादिवि भूषित वरगदे दध गतं भजतांदलम्।।
 
4. अष्टाक्षर मंत्र- ॐ वैश्रवणाय स्वाहा:
 
5. पंच त्रिंशदक्षर मंत्र- ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धनधान्या समृद्धि देहि मे दापय दापय स्वाहा।
 
इनमें से किसी भी एक मंत्र का जप दस हजार होने पर दशांश हवन करें या एक हजार मंत्र अधिक जपें। इससे यंत्र भी सिद्ध हो जाता है। वैसे सवा लाख जप करके दशांश हवन करके कुबेर यंत्र को सिद्ध करने से तो अनंत वैभव की प्राप्ति हो जाती है। यह कार्य धनतेरस से पहले ही शुरु करना होगा।

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