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ब्रिटेन : भारतीय मूल के सांसद, जो बोरिस जॉनसन की कैबिनेट में हो सकते हैं शामिल

ब्रिटेन : भारतीय मूल के सांसद, जो बोरिस जॉनसन की कैबिनेट में हो सकते हैं शामिल
, बुधवार, 24 जुलाई 2019 (19:53 IST)
गगन सभरवाल, बीबीसी संवाददाता, लंदन
बोरिस जॉनसन को ब्रिटेन की सत्ताधारी कंज़र्वेटिव पार्टी का नया नेता चुन लिया गया है और इसी के साथ वो ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के नए प्रधानमंत्री भी बनने जा रहे हैं।
 
टेरीज़ा मे बुधवार को बकिंघम पैलेस जाएंगी, जहां वो औपचारिक तौर पर महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय को अपना इस्तीफ़ा सौपेंगी। इसके बाद बोरिस जॉनसन टेरीज़ा मे की जगह प्रधानमंत्री की जगह ले लेंगे।
 
ये होने के बाद बोरिस महारानी से मिलने के लिए बकिंघम पैलेस जाएंगे। यहां महारानी उनसे पूछेंगी कि क्या सरकार बनाने के लिए उन्हें हाउस ऑफ़ कॉमन्स का विश्वास हासिल है। और क्योंकि उनके पास ये है, इसलिए वो हां में जवाब देंगे। इसी क्षण से वो औपचारिक तौर पर ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के 55वें प्रधानमंत्री बन जाएंगे।
 
मौजूदा महारानी के कार्यकाल में बोरिस 14वें प्रधानमंत्री होंगे। राजकुमारी एलिज़ाबेथ जब ब्रिटेन की महारानी बनी थीं, तब उनके कार्यकाल के पहले प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल थे।
 
इसके बाद बोरिस जॉनसन औपचारिक तौर पर 10 डाउनिंग स्ट्रीट रहने चले जाएंगे। ये ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास है।
 
इसके इतर वो अपनी नई कैबिनेट का गठन भी करेंगे। माना जा रहा है कि उनकी कैबिनेट में भारतीय मूल के प्रीति पटेल, आलोक शर्मा, ऋषि सुनक और कुलवीर रागड़ को अहम जगह मिल सकती है।
 
लेकिन ये भारतीय मूल के सांसद हैं कौन?
 
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प्रीति पटेल : शायद आपको याद होगा कि प्रीति पटेल वही पूर्व इंटरनेशनल डेवलपमेंट सेक्रेटरी हैं, जिन्हें इसराइली आधिकारियों के साथ गुप्त बैठक करने की वजह से 2017 में इस्तीफ़ा देना पड़ा था। 47 साल की प्रीति का जन्म लंदन में ही हुआ था और उनके माता-पिता मूल रूप से भारत में गुजरात के हैं, लेकिन फिर वो युगांडा चले गए थे। 1960 के दशक में वो ब्रिटेन आ बसे।
 
प्रीति पटेल बहुत कम उम्र में कंज़र्वेटिव पार्टी में शामिल हो गई थीं। उस वक़्त उनकी उम्र 20 भी नहीं हुई थी। तब जॉन मेजर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे। प्रीति पटेल 2010 से विटहम से सांसद हैं। माना जा रहा है कि बोरिस जॉनसन की कैबिनेट में उन्हें गृहमंत्री का पद दिया जा सकता है।
 
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आलोक शर्मा : 51 साल के आलोक शर्मा का जन्म आगरा में हुआ था, लेकिन वो पांच साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ ब्रिटेन के रीडिंग आ गए थे। पेशे से वो एक चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं और राजनीति में आने से पहले 16 साल तक बैंकिंग सेक्टर में काम कर चुके हैं।
 
शर्मा 2010 से रीडिंग वेस्ट के सांसद हैं और कहा जा रहा है कि उन्हें भी बोरिस जॉनसन की कैबिनेट में अहम पद दिया जा सकता है। जून 2017 में शर्मा को हाउसिंग मिनिस्टर बनाया गया था और उनके कार्यकाल के दौरान ग्रेनफेल टावर में आग लगने की दुर्घटना हुई थी।
 
5 जुलाई 2017 को हाउस ऑफ़ कॉमन्स में इस दुर्घटना पर बयान देते हुए वो भावुक हो गए थे, जिससे उन्हें काफ़ी मीडिया कवरेज मिली थी। जनवरी 2018 में वो रोज़गार मामलों के राज्यमंत्री बने और उसी पद पर अब भी बने हुए हैं।
 
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ऋषि सुनक : इन दोनों के अलावा जिनके नाम पर चर्चा हो रही है, उनमें 49 साल के ऋषि सुनक भी शामिल हैं। फ़िलहाल वो सरकार में जूनियर लोकल मंत्री हैं। उनके पास सोशल केयर समेत कई ज़िम्मेदारियां हैं। ऋषि ऑक्सफोर्ड से पढ़े हैं। उनके पिता डॉक्टर थे और मां एक दवाइयों की दुकान चलाती थीं। ऋषि सुनक रिचमंड से सांसद हैं।
 
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कुलवीर रांगड़ : एक और बड़े नाम की ख़ासी चर्चा हो रही है। वो हैं कुलवीर रांगड़। कुलवीर बोरिस के क़रीबी दोस्त और समर्थक हैं। वो भारतीय मूल के सिख हैं। उनका जन्म लंदन में ही हुआ था। वो पहले भी बोरिस जॉनसन के डिजिटल सलाहकार के तौर पर काम कर चुके हैं।
 
वो सांसद नहीं हैं, लेकिन 2018 के दौरान वो लंदन मेयर के चुनाव में कंज़र्वेटिव उम्मीदवार थे। मई 2018 में जब बोरिस जॉनसन मेयर का चुनाव जीते तो वो बोरिस जॉनसन की ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के निदेशक बने। 44 साल के कुलवीर रांगड़ के पास लंदन में ओयस्टर कार्ड सिस्टम को लागू करने का अनुभव है। इसलिए माना जा रहा है कि बोरिस उन्हें चुन सकते हैं।
 
2011 में रांगड़ पर्यावरण और डिजिटल लंदन के निदेशक बन गए। उनके काम की वजह से बाइक चोरी की घटनाओं में रिकॉर्ड कमी आई और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए लंदन में नए इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग पॉइंट लगाए गए। फ़िलहाल वो एटोस यूके एंड आई कंपनी में वरिष्ठ वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर काम कर रहे हैं।
 

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