चंद्र ग्रहण को मंत्रों की सिद्धि के लिए सर्वश्रेष्ठ समय माना गया है। ग्रहण काल में किसी भी एक मंत्र को, जिसकी सिद्धि करना हो या किसी विशेष प्रयोजन हेतु सिद्धि करना हो, जप सकते हैं। ग्रहण काल में मंत्र जपने के लिए माला की आवश्यकता नहीं होती बल्कि समय का ही महत्व होता है।
निम्नलिखित मंत्रों का ग्रहणावधि तक लगातार जप करें-
1. यदि आपके शत्रुओं की संख्या अधिक है तो बगुलामुखी का मंत्र जाप करें। मंत्र इस प्रकार है-
ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम:।
2. वाक् सिद्धि हेतु-
ॐ ह्लीं दुं दुर्गाय: नम:
3. लक्ष्मी प्राप्ति हेतु तांत्रिक मंत्र-
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:।
4. नौकरी एवं व्यापार में वृद्धि हेतु प्रयोग-
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।
5. मुकदमे में विजय के लिए-
ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
इसमें 'सर्वदुष्टानां' की जगह जिससे छुटकारा पाना हो उसका नाम लें।
कोई मंत्र तब ही सफल होता है, जब आप में पूर्ण श्रद्धा व विश्वास हो। किसी का बुरा चाहने वाले मंत्र सिद्धि प्राप्त नहीं कर सकते। मंत्र जपते समय एक खुशबूदार अगरबत्ती प्रज्ज्वलित कर लें। इससे मन एकाग्र होकर जप में मन लगता है व ध्यान भी नहीं भटकता है।