Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari के बयान पर बोले Uddhav Thackeray- कोल्हापुरी जूते दिखाने का समय

Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari के बयान पर बोले Uddhav Thackeray- कोल्हापुरी जूते दिखाने का समय
, शनिवार, 30 जुलाई 2022 (18:20 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के बयान से महाराष्ट्र में सियासी घमासान मच गया है। अब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी उनके बयान पर गुस्सा जाहिर किया है। हालांकि वे अपने बयान में शब्दों की मर्यादा को भी भूल गए हैं। ठाकरे ने कहा कि कोश्यारी को कोल्हापुरी जूते दिखाने का समय आ गया है। उद्धव के बयान पर भी बवाल मचा हुआ है।
 
कोश्यारी ने शुक्रवार शाम एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि मुंबई में गुजराती और राजस्थानी लोग नहीं रहेंगे, तो यहां पैसा नहीं बचेगा और यह देश की आर्थिक राजधानी नहीं रहेगी। उद्धव ठाकरे ने कोश्यारी के बयान पर कहा कि गवर्नर ने महाराष्ट्र में बहुत कुछ देखा है। अब उन्हें कोल्हापुरी जूते दिखाने का समय आ गया है।
 
हालांकि बयान के बाद विवाद के बाद राज्यपाल ने शनिवार को कहा कि उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया है। उन्होंने कहा कि उनका मराठीभाषी लोगों की कड़ी मेहनत को कमतर करने का कोई इरादा नहीं था।
उद्धव ठाकरे ने मातोश्री में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भगतसिंह कोश्यारी ने पिछले 3 साल में महाराष्ट्र की खूबसूरत गुफाएं देखीं। शिवाजी के किले और अन्य अच्छी चीजें देखीं। अब उन्हें कोल्हापुरी जूते दिखाने का समय आ गया है, क्योंकि कोल्हापुरी जूता भी महाराष्ट्र की शान है। उद्धव ने आगे कहा कि लोग मेरी बात का मनचाहा मतलब निकाल सकते हैं, लेकिन अब वक्त आ गया है कि भगत सिंह कोश्यारी को दुनिया के मशहूर कोल्हापुरी जूते दिखा दिए जाएं।

ठाकरे ने यह भी कहा कि पिछले 2-3 साल में गवर्नर के जो बयान हैं। उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र के नसीब में ऐसे लोग क्यों आते हैं? कोश्यारी ने शुक्रवार को कहा था कि मुंबई से राजस्थानियों और गुजरातियों को निकाल दें तो यहां पैसा बचेगा ही नहीं। इसके बाद पक्ष और विपक्ष दोनों की ही ओर से नाराजगी जाहिर की गई।

ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि हालांकि कुछ लोग दिल्ली में बैठे हैं, वे मुंबई पर नजर रख रहे हैं, और इसके पीछे की वजह इसकी संपत्ति है, जिसके बारे में राज्यपाल ने सार्वजनिक रूप से कहा है।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वह कोविड ​​-19 महामारी से लड़ रहे थे और लोग मर रहे थे, राज्यपाल चाहते थे कि धार्मिक स्थलों को फिर से खोल दिया जाए।

ठाकरे ने आरोप लगाया कि कोश्यारी ने महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए राज्यपाल के कोटे से 12 नामों को मंजूरी नहीं दी। उन्होंने समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले के बारे में भी ‘अपमानजनक’ टिप्पणी की थी।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

J&K : बारामुला में एक आतंकी ढेर, 3 सुरक्षाकर्मी हुए घायल