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...देशद्रोही कहे जाने पर दिग्विजय गिरफ्तारी देने थाने पहुंचे, पुलिस ने टरकाया...

...देशद्रोही कहे जाने पर दिग्विजय गिरफ्तारी देने थाने पहुंचे, पुलिस ने टरकाया...
भोपाल , गुरुवार, 26 जुलाई 2018 (22:50 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कथित तौर पर ‘देशद्रोही’ कहे जाने के विरोध में वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह आज अपने हजारों समर्थकों के साथ यहां टीटी नगर थाने अपनी गिरफ्तारी देने पहुंचे और पुलिस से कहा कि यदि वह देशद्रोही हैं तो उन्हें गिरफ्तार करें लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने से इनकार करते हुए टरका दिया।
 
टीटी नगर थाने के अधिकारियों ने उन्हें कहा कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला या शिकायत दर्ज नहीं है, ऐसे में पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती, जिसके बाद वह बिना गिरफ्तारी दिए वापस आ गए।
 
दिग्विजय के बेटे एवं मध्यप्रदेश के राघौगढ़ निर्वाचन क्षेत्र के विधायक जयवर्धन सिंह ने बताया कि टीटी नगर के थाना प्रभारी ने मेरे पिताजी को आज एक पत्र दिया है, जिसमें लिखा गया है, ‘टीटी नगर थाना भोपाल में अभिलेख के अनुसार दिग्विजय सिंह के विरुद्ध देशद्रोह के संबंध में कोई अपराध या शिकायत दर्ज नहीं है।’ 
दिग्विजय ने थाने के सामने मीडिया से कहा, ‘संवैधानिक पद पर रहकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान झूठ बोलते हैं। आज मुझे लिखित में मिल गया है कि मेरे खिलाफ देशद्रोह का कोई मामला दर्ज नहीं है। चौहान ने सोच-समझकर मुझ पर झूठा आरोप लगाया। जनता के सामने आज यह साफ हो चुका है कि वह झूठा आरोप लगाते हैं।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘मैं उन (चौहान) पर मुकदमा दायर करूंगा। आखिर तक लड़ाई लड़ता रहूंगा। मैं जल्द ही चौहान के खिलाफ मुकदमा दायर करने के लिए वकीलों से सलाह मशविरा करूंगा।’ दिग्विजय ने मुख्यमंत्री को चुनौती दी, ‘मैंने उन (चौहान) पर व्यापमं में, रेत के अवैध खनन में, पोषण आहार के अवैध कारोबार में और ई-टेन्डरिंग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।...शिवराज सिंह चौहान एवं उनका परिवार इसमें दोषी है। अगर उनमें साहस है तो मेरे खिलाफ मानहानि का दावा करें।’ 
 
मुख्यमंत्री चौहान ने 19 जुलाई को सतना में संवाददाताओं से कहा था, ‘मुझे दिग्विजय सिंह जी की बुद्धि पर तरस आता है जो लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे है। हिंदू आतंकवाद का नाम लेना देश एवं संस्कृति का अपमान है। वह ऐसे व्यक्ति हैं, जो मानसिक रूप से कुंठित है और इसलिए अपनी संस्कृति अपनी जड़ों पर ही प्रहार करते हैं। ऐसे व्यक्ति हैं कि कोई पुलिस अगर आतंकवादी को मार दे तो यह आतंकवादी के यहां जाते हैं। उसके परिवार में जाकर उसको महिमामंडित करने का काम करते हैं। 
 
कई बार दिग्विजय जी के ऐसे कदम देशद्रोही लगते हैं। आतंकवादी को ’जी’ कहकर संबोधित करना क्या देशद्रोही की परिधि में नहीं आता? क्या यह हमारे सीमा पर शहीद हुए जवानों और मातृभूमि की रक्षा के लिए लगे जवानों का अपमान नहीं है? क्या यह जवानों के मनोबल को तोड़ने का काम नहीं है? दिग्विजय को देश समाज और संस्कृति से प्यार नहीं है, केवल छपास की भूख पूरी करने के लिए वे ऐसी बयानबाजी करते हैं।’

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