Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

कही-अनकही 20 : भूल कैसी कैसी

कही-अनकही 20 : भूल कैसी कैसी
webdunia

अनन्या मिश्रा

एना का हाल ही में ऑपरेशन हुआ था और पैरों में सूजन थी। टांके भी लगे थे।  ज्यादा चल-फिर नहीं पा रही थी।  ब्लड-क्लॉट भी थे और काफी कमजोरी भी थी।  सुबह-शाम काफी दवाईयां चल रही थीं और हर दो दिन में ब्लड टेस्ट हो रहे थे।  हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए हफ्ता भर हुआ था लेकिन टांके अभी खुले नहीं थे।  
 
पैरों में ज्यादा सूजन आ रही थी और दर्द बढ़ रहा था इसलिए डॉक्टर ने एना को कहा था कि पैर हमेशा ऊंचे रहने चाहिए। ज़मीन पर नहीं रखने हैं। हमेशा पैरों को या तो सोफे पर या टेबल पर ही रखें।  घर पर ही थी और ध्यान रखने के लिए हस्बैंड आदि के पेरेंट्स मौजूद थे। आदि का वैसे तो ऑफिस रहता था और उसे इन गंभीर परिस्थितियों में भी छुट्टी तो नहीं मिली थी लेकिन आज उसने ज़रूर ले ली थी, उसकी दीदी जो घर आई हुई थी।  शाम को जीजाजी भी खाने पर आने वाले थे और एना सबकी सलाह सुन रही थी। 
 
‘सुनो एना, ‘ये’ शाम को आने वाले हैं, तमीज़ के कपड़े पहन लेना।  याद है हमें पिछली बार बिना दुपट्टे वाले सूट में आ गई थी तुम।’
 
‘हां  एना, मुझे भी याद है सब। वैसे तो तुमसे चलते नहीं बनेगा लेकिन कोशिश करो कि काम में थोड़ी मदद करा दो।’
 
‘हां, याद है न एना पिछली बार तुम पानी का गिलास यहीं भूल गयी थीं?’
 
‘एना को कहां कुछ याद रहता है। लेकिन मुझे याद है, एक साल पहले इसका पल्लू सिर से गिर गया था क्योंकि पिन नहीं लगाई थी।’
 
खैर, सबको काफी कुछ याद था।  रात को सब हंसी-मजाक कर रहे थे, एना की खैरियत पूछ रहे थे। वह सोफे पर ही पैर ऊपर रख कर बैठी हुई थी, जैसा की डॉक्टर ने कहा था और जैसा की सभी को मालूम भी था। एना के पैर दीवार की तरफ थे जहां कोई नहीं बैठा था। सामने के सोफे पर जीजाजी और आदि खाना खा रहे थे।  एना के पास वाले सोफे पर दीदी थीं।  मम्मी गरम-गरम रोटियां जीजाजी और आदि को परोस रही थीं।  
 
लेकिन जैसे ही एना और दीदी की नज़रें मिलीं, दीदी ने बेहद नफरत भरी आंखों से जलील करते हुए, अपने हाथों की उंगलियों से चार बार चुटकी बजाई और एना को पूरा हाथ गोल घुमा कर ज़मीन की ओर किया। जैसे एना को अपनी नज़रों से उतार कर, ज़मीन पर गिरा कर, बेईज्ज़त कर गाली दे कर कह रही हों –‘तमीज़ नहीं है तुम्हें ज़रा भी? सोफे पर पैर रख कर कैसे बैठी हो तुम जब सब बड़े घर में बैठे हैं, खासकर कि जीजाजी? लाज-शर्म सब भूल चुकी हो क्या? पैर नीचे रखो और औकात में रहो।'
 
एना स्तब्ध रह गयी।  ये आंखों और हाथों का इशारा दूर फ्रिज के पास खड़ी मम्मी ने देखा लेकिन वह कुछ नहीं बोलीं। सब जानते थे कि ऑपरेशन को हफ्ता भर भी नहीं हुआ है, टांके नहीं खुले हैं, पैरों में सूजन है, डॉक्टर ने कहा है पैर ज़मीन पर नहीं रखने हैं, घर का हर एक इंसान ये बात जानता है- और तो और ध्यान भी रखता है कि एना के पैर नीचे न रहें,  लेकिन फिर अचानक ये क्या हुआ?
 
एना को दीदी का वह ज़लील करता चुटकी बजाने का इशारा इतना अन्दर तक चुभा, कि वो लड़खडाते क़दमों से उठ कर खड़ी ही हो गई, और उठ कर पीछे के कमरे में जा कर पलंग कर बैठ गई।  आधे घंटे तक किसी ने पूछा तक नहीं, कि एना को क्या हुआ, पीछे क्यों गई।  आदि ने फिर आ कर पूछा, एना ने बताया।  
 
‘तो क्या हो गया एना, दीदी ‘भूल’ गई होगी कि ऑपरेशन हुआ है तुम्हारा। जाने दो। घर तो उनका भी है न। मायका है उनका। वो जैसे चाहे वैसे रह लो कुछ घंटे तो क्या हर्ज़ है? डॉक्टर तो कहते रहते हैं, लेकिन तुमको भी थोड़ा सोचना चाहिए, सभी बैठे हैं वहां...’
 
एना ने तो बाहर आने से मना कर दिया, लेकिन वह वहां बैठ कर सोचती रही कि दिनभर से जिन लोगों की इतनी तगड़ी याददाश्त थी, जिन्हें याद रहता था कि एना से कब कौनसी ‘गलती’ हुई है, वो ये कैसे भूल गए की ऑपरेशन की वजह से उसने पैर ऊपर रखे हैं? 
एक शोध के अनुसार, शादी से महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार आता है, लेकिन सिर्फ तब, जब वे मानसिक रूप से और भावनात्मक रूप से संतुष्ट और सुरक्षित महसूस करें... हमारे समाज में बहुओं को अपनाएंगे, तब तो उनकी भावनाओं की कद्र भी करेंगे... खैर, ये तो बस ‘कही-अनकही’ बातें हैं। वक़्त आ गया है कि महिलाएं खुद के लिए खुद की प्राथमिकता बनें।
ALSO READ: कही-अनकही 19 : एलाइनमेंट


Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Happy Winter : खुशियों की वजह बाहर नहीं आपके भीतर है, जानिए खुश रहने के फायदे