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बेहद खतरनाक है सुलेमानी पर मिसाइल बरसाने वाला अमेरिकी ड्रोन रीपर, 15 किमी ऊपर से बनाया निशाना...

बेहद खतरनाक है सुलेमानी पर मिसाइल बरसाने वाला अमेरिकी ड्रोन रीपर, 15 किमी ऊपर से बनाया निशाना...
, शनिवार, 4 जनवरी 2020 (14:34 IST)
बगदाद। ईरानी कुद्स फोर्स के कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी (General Qasem Soleimani) की मौत के बाद अब यह खुलासा हुआ है कि अमेरिकी ड्रोन ने 15 किलोमीटर ऊपर से सुलेमानी को निशाना बनाया था। यह ड्रोन बेहद खतरनाक होने के साथ ही आसानी से अपने लक्ष्य पर निशाना साधता है और उसे बर्बाद कर देता है। 
सुलेमानी पर हमले के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार का नाम MQ-9 रीपर ड्रोन है। 2,222 किलो वजनी यह शत्रु की ड्रोन छोटी-छोटी गतिविधियों का भी पता लगा लेता है और लक्ष्य को निशाना बनाने में भी देर नहीं लगाता। 
 
यह बेहद उन्नत किस्म का टोही और लक्ष्यभेदी ड्रोन है। यह न सिर्फ खतरनाक हवाई हमलों में माहिर है, बल्कि जासूसी में भी उतना ही कारगर है। अमेरिका ने इसे विदेशी सैन्य अभियानों के लिए ही विकसित किया है और वह इसका कई बार इस्तेमाल कर चुका है। 
 
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इसमें M अमेरिकी रक्षा विभाग के मल्टी-रोल डेजिग्नेशन को दर्शाता है, वहीं Q का मतलब दूर से संचालित एयरक्राफ्ट है। इसका 9 नंबर इसकी सीरीज का प्रतिनिधित्व करता है। अर्थात यह यह एयरक्रॉफ्ट की 9वीं सीरीज है। 
ईरान का हीरो, अमेरिका का विलन : सुलेमानी भले ही ईरान का हीरो था, लेकिन अमेरिका उसे आतंकवादी मानता था। इतना ही नहीं सुलेमानी को ईरान का भावी राष्ट्रपति भी माना जाने लगा था। सुलेमानी को मारने के लिए अमेरिका पिछले कई महीनों से उस पर नजर रख रहा था। उसकी हर एक हरकत की खबर अमेरिका को थी। यही कारण था कि बगदाद हवाई अड्‍डे पर वह अमेरिकी हमले का शिकार बन गया। उल्लेखनीय है कि इराक में अभी भी अमेरिका के 5000 सैनिक तैनात हैं। 
 
अमेरिका की नजर में आतंकवादी : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए ईरान के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की नई दिल्ली और लंदन तक में आतंकवादी षडयंत्रों को रचने में भूमिका थी। ट्रंप ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि आतंकवाद का शासनकाल खत्म हो गया।
 
ट्रंप ने फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में कहा कि इराक में अमेरिका को निशाना बनाकर कई रॉकेट हमले किए गए जिनमें 1 अमेरिकी व्यक्ति की मौत हो गई और अमेरिका के 4 सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा बगदाद में हमारे दूतावास पर हिंसक हमला सुलेमानी के आदेश पर किया गया था।
 

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