Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

PM मोदी से योगी की मुलाकात खत्म, नए मंत्रिमंडल में 57 मंत्री ले सकते हैं शपथ

PM मोदी से योगी की मुलाकात खत्म, नए मंत्रिमंडल में 57 मंत्री ले सकते हैं शपथ
, रविवार, 13 मार्च 2022 (20:25 IST)
नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद पहली बार योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात करने पहुंचे। करीब पौने दो घंटे यह बैठक चली।
यूपी में प्रचंड जीत के बाद यह पहली मुलाकात थी। इससे पहले योगी सबसे पहले उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से भी मिले।

इसके बाद वे सीधे पीएम मोदी से मिलने पहुंचे। खबरों के मुताबिक योगी के मंत्रिमंडल पर प्रधानमंत्री की मुहर लग गई है। योगी के मंत्रिमंडल में 57 मंत्री शपथ ले सकते हैं।

माना जाता है कि इस दौरान दोनों नेताओं ने सरकार गठन और राज्य के नए मंत्रिमंडल से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया कि आज योगी आदित्यनाथ से भेंट हुई।

उन्हें उत्तरप्रदेश चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत की बधाई दी। बीते 5 वर्षों में उन्होंने जनआकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम किया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाले वर्षों में वे राज्य को विकास की और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
 
प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ बैठक की और इसके बाद योगी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में होली के बाद भाजपा सरकार का शपथग्रहण समारोह होने की संभावना है।
 
इससे पहले दिन में योगी ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और भाजपा महासचिव (संगठन) बी एल संतोष से भी मुलाकात की। माना जाता है कि मुख्यमंत्री के रूप में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने की तैयारी कर रहे आदित्यनाथ ने पार्टी नेतृत्व के साथ वार्ता के दौरान सरकार गठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।
 
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत कई मंत्रियों की हार के बाद योगी आदित्यनाथ दिल्ली दौरे पर पहुंचे हैं। सूत्रों ने बताया कि आदित्यनाथ के दो दिन तक राष्ट्रीय राजधानी में ठहरने की संभावना है।

भाजपा को राज्य की 403 सदस्यीय विधानसभा के लिए हाल में हुए चुनावों में 255 सीट हासिल हुई हैं और उसके दो सहयोगी दलों ने 18 सीट जीती हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस जीत के साथ आदित्यनाथ का कद बढ़ा है, क्योंकि राज्य में भाजपा के पुन: जीतने के प्रयासों के केंद्र में उनका नेतृत्व था।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

5 राज्यों में चुनावी नुकसान : KPCC अध्यक्ष ने सोनिया, राहुल और वेणुगोपाल का किया बचाव