Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

मेरठ : नाले में गिरे आफान को बचाने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी

मेरठ : नाले में गिरे आफान को बचाने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी

हिमा अग्रवाल

, सोमवार, 19 जुलाई 2021 (17:24 IST)
मेरठ। बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। मेरठ के 3 मुख्य नाले भी बारिश के पानी से लबालब भरे हुए हैं और उनके ऊपर कचरे की चादर बिछी हुई है। आज सुबह कमेले रोड स्थित 12 फुट गहरे ओडियन नाले में लोहे का पुल क्रास करते हुए 11 साल के बालक का पैर फिसल गया और वह सीधे कूड़े से पटे नाले में गिर गया। जिसको बचाने के लिए आसपास के लोग नाले में कूद पड़े, लेकिन बालक का अभी तक कुछ पता नहीं चला है।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस-प्रशासन की टीम जेसीबी के साथ मौके पर पहुंची। जेसीबी मशीन के जरिए पिछले पांच घंटों से बालक की तलाश की जा रही है। वहीं नाले में गिरे बच्चे के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

मामला थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र से जुड़े ओडियन नाले का है, जहां सोमवार दोपहर लगभग 11 बजे अहमदनगर का रहने वाला 11 वर्षीय आफान उर्फ अनस नाले पर बने ढाई फुट चौड़े लोहे के पुल से पैदल गुजर रहा था, बारिश हो रही थी तभी उसका संतुलन बिगड़ा और वह नाले में गिर गया। यह नजारा पास में ही रहने वाले रिजवान बिहारी ने देखा तो वह तुरंत बच्चे को बचाने के लिए नाले में कूद गया। बारिश के कारण नाला उफान पर था, जिसके चलते आफान का कुछ पता नहीं चला।

आफान के नाले में गिरने की सूचना पर पुलिस और नगर निगम की टीम पहुंच गई। स्थानीय लोग भी रस्सी के सहारे नाले में उतरकर आफान की तलाश में जुटे हुए हैं। डिप्टी एसपी ने 2 जेसीबी मशीन की सहायता से बालक की बरामदगी के लिए सर्च ऑपरेशन चलवाया हुआ है। पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद भी आफान का कुछ पता नहीं चला है।

मेरठ शहर में मुख्य तीन नाले हैं, ओडियन नाला, आबू नाला 1 और आबू नाला 2 है। शहर में जल निकासी के लिए 285 नालों का जाल बिछा है, जिसमें तीन नाले अति विशाल, 19 नाले विशाल तथा 263 नाले कुछ छोटे और विभिन्न आकार वाले हैं। शायद ही कोई नाला ऐसा बचा होगा जिसमें कूड़ा न डाला जाता हो।

इन नालों की औसतन लंबाई लगभग 131 किमी और चौड़ाई 20 मीटर, गहराई 30 फीट तक है। प्रतिवर्ष इन नालों की सफाई के लिए करोड़ों रुपए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम द्वारा पास किए जाते हैं, लेकिन हकीकत में साफ-सफाई कागजों पर होती है, इसका जीता जागता उदाहरण कूड़े से पटे नाले खुद बयां कर रहे हैं।

मेरठ दिल्ली गेट से भूमिया पुल रोड पर ओडियन नाला स्थित है, जो काली नदी तक जाता है। यह 12 फुट गहरा नाला गोबर, कूड़ा और प्लास्टिक से पटा रहता है। इसमें कहीं कूड़ा तो कहीं दलदल मिलता है। सफाई के नाम पर कभी कभार अभियान चलता है, लेकिन नाले के ऊपर कुछ सफाई करा दी जाती है।

नाले के नीचे जमा सिल्ट नहीं निकाली जाती। नाले में जमा कूड़ा व गोबर का हाल ये है कि उस पर लोग आसानी से चहलकदमी कर लेते हैं। इसकी वजह यह है कि सफाई न होने से ये गोबर सूखते रहते हैं और ऊपर एक मजबूत परत बना लेते हैं। बीती रात से मेरठ में बारिश हो रही है, जिसके चलते ओडियन नाले में पानी का बहाव तेज था। नाले में कूड़ा, कचरा और सिल्ट भरी हुई है।

ऐसे में आफान का नाले में डूबना चिंता का विषय है, क्योंकि कई किलोमीटर लंबे नाले में बहकर आफान कहा निकल गया होगा या सिल्ट की दलदल में समा गया, यह कहना मुश्किल है। हालांकि परिवार के लोगों को अभी भी आस है कि उनके जिगर का टुकड़ा आफान सुरक्षित बाहर आ जाएगा।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

इन 5 ‘तरीकों’ से पता चलेगा आपके फोन में ‘पेगासस’ ने घुसपैठ की है या नहीं