Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

नक्सलियों के साथ बीमारियों से लड़ रहे हैं जवान, मिलेगा आरओ का पानी

Webdunia
शनिवार, 4 नवंबर 2017 (10:48 IST)
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस को नक्सलियों के साथ दूषित पानी और मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों से भी लड़ना पड़ रहा है। पुलिस जवानों की इस परेशानी के मद्देनजर अब बीजापुर जिले के थानों में आरओ सिस्टम और फॉगिंग मशीनों की व्यवस्था की जा रही है।
 
बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात पुलिस जवानों को अक्सर दूषित पानी और गंदगी से होने वाली बीमारियों का सामना करना पड़ता है। जवानों की ​इस स्थिति को देखते हुए जिले के सभी पुलिस थानों और शिविरों में साफ पानी के लिए आर ओ मशीन और 16 स्थानों पर धुएं वाली मशीनों की व्यवस्था की गई है।
 
गर्ग ने बताया कि जिले में तैनात पुलिस जवानों के लिए रोजमर्रा की जरूरतों और पेयजल की व्यवस्था की गई है। उन्हें पीने के पानी को साफ करने लिए स्थानीय और पारंपरिक तरीकों पर निर्भर रहना होता था। यह स्थिति उस समय और भी खराब हो जाती थी जब जवान नक्सल रोधी अभियान के लिए निकलते ​थे। ऐसे में पुलिस के जवान नदी-नाले का पानी पी लेते थे और बीमार पड़ते थे। इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन ने थानों और शिविरों में आरओ प्रणाली लगाने का फैसला किया है।
 
पुलिस अधिकारी ने बताया​ कुछ समय पहले ही जिले के सभी 21 थानों और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के 24 शिविरों में आरओ सिस्टम लगाने का काम पूरा हो गया है। बीजापुर जिला बस्तर ​क्षेत्र का ऐसा एकमात्र जिला है जहां के सभी थानों में साफ पानी के लिए आरओ सिस्टम लगाया गया है। ये सुविधाएं अभी तक केवल केंद्रीय बलों के शिविरों में ही उपलब्ध थीं।
 
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में दूषित पानी से पीलिया, टायफाइड और चर्म रोग तथा मच्छरों से होने वाली मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां आम हैं। क्षेत्र में तैनात कई पुलिस जवानों ने इन बीमारियों के कारण जीवन खोया है।
 
उन्होंने बताया कि केवल बीजापुर जिले में ही इस वर्ष अक्तूबर माह तक पुलिस के 60 जवान दूषित पानी के कारण बीमार हुए थे तथा 250 जवानों को मलेरिया और डेंगू हुआ था। इनमें से तीन जवानों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
 
गर्ग ने बताया कि क्षेत्र में इन समस्याओं को देखते हुए पुलिस जवानों को मच्छरदानी और कीटनाशक मरहम उपलब्ध कराया गया है। लेकिन जब जवान जंगल में विपरीत परिस्थितियों में नक्सल रोधी अ​भियान में निकलते हैं और कर्इ दिनों तक शिविर से बाहर रहते हैं तब यह इंतजाम नाकाफी साबित होता है।
 
वहीं, थानों और शिविरों में भी मच्छरों का आतंक है। इसके कारण 20 फीसदी से ज्यादा जवान मलेरिया और डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।
 
गर्ग ने बताया कि इस क्षेत्र में तैनात होने के दौरान वह स्वयं भी मलेरिया और डेंगू का तीन बार सामना कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि इन परेशानियों को महसूस करने के बाद उन्होंने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक कुमार सिंह के साथ मिलकर थानों और शिविरों में आरओ सिस्टम लगाने और धुआं मशीनों से मच्छर भगाने का प्रयास शुरू किया।
 
उन्होंने बताया कि जिले के थानों और शिविरों में बिजली और बिना बिजली वाली पानी छानने की मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। बिजली वाली मशीनों को सौर उर्जा से भी चलाया जा रहा है।
 
अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही पुलिस जवानों को पानी छानने वाली बोतल दी गई है जिससे वे जंगल में अभियान के दौरान वहां मिलने वाले पानी को पीने योग्य बना सकते हैं।
 
गर्ग ने बताया कि जिले के पुलिस जवानों को 16 स्थानों पर मच्छर भगाने के लिए धुआं मशीन उपलब्ध कराई गई है। वहीं, उन्हें स्लीपिंग बैग भी दिया गया है। इसके इस्तेमाल से वे ठंड और मच्छरों से बच सकते हैं। (भाषा) 

जरूर पढ़ें

50 बिलियन डॉलर लागत, 9 हजार कमरे, ये है दुनिया की सबसे बड़ी इमारत मुकाब

भाजपा का आरोप, प्रियंका गांधी ने नहीं दिया संपत्ति का पूरा विवरण

चाचा के खिलाफ लड़ना चुनौती, लेकिन मैं चिंतित नहीं : युगेंद्र पवार

कोल्डप्ले और दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के टिकटों की अवैध बिक्री, ED ने मारे 13 जगह छापे

AAP का BJP पर बड़ा आरोप, रच रही है केजरीवाल की हत्या की साजिश

सभी देखें

नवीनतम

सचिन सावंत का कांग्रेस को झटका, क्यों नहीं लड़ना चाहते अंधेरी पश्चिम से चुनाव?

उत्तराखंड लोअर पीसीएस परीक्षा का पाठ्यक्रम बदला, 2 नए पेपर जुड़े

जम्मू कश्मीर में 10 महीनों में 52 आतंकी ढेर, जुलाई में सबसे ज्यादा आतंकी हमले

अमित शाह ने बताया, बंगाल में कैसे स्थापित होगी शांति?

बांद्रा में भगदड़ पर भड़के संजय राउत, रेल मंत्री को बताया हादसे का जिम्मेदार

આગળનો લેખ
Show comments