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कोरोना के चलते आसमान पर मास्क और सैनेटाइजर के दाम

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शनिवार, 14 मार्च 2020 (12:28 IST)
दिल्ली। कोरोना वायरस के खौफ के चलते डिमांड के बढ़ते एक ओर जहां हैंड सैनेटाइजर और मास्क बाजार से गायब हो रही हैं वहीं, मेडिकल स्टोर वाले इसे महंगे दामों में बेच रहे हैं। हालांकि सरकार का कहना है कि काला बाजारी करने वालों को 7 साल की सजा हो सकती है, लेकिन फिर भी अधिक डिमांड होने के कारण इसकी कमी होने लगी है।
 
 
देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, अब तक 82 केस पाए जा चुके हैं और 2 की मौत हो चुकी है। जिसके बाद देश में सतर्कता बढ़ गई है और सरकार से लेकर आम व्यक्ति हर कोई सावधानियां बरत रहा है। कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग मास्क और हैंड सैनेटाइज़र का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन राजधानी दिल्ली सहित कई प्रमुख शहरों में अधिक डिमांड होने के कारण इसकी कमी होने लगी है।
 
 
दिल्ली के मेडिकल स्टोर में मास्क और हैंड सैनेटाइज़र खरीदने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से हलचल तेज होती जा रही है। कई मेडिकल स्टोर में इसकी कमी भी हो रही है, तो कुछ मेडिकल स्टोर ने दाम बढ़ा दिए हैं। जो मास्क या सैनेटाइजर पहले 150 रुपए में मिलता था वह अब दिल्ली में 250 रुपए तक मिल रहा है।

 
दरअसल, एक्सपर्ट्स की ओर से सलाह दी जा रही है कि बार-बार हाथ धोएं और सफाई रखें. ऐसे में हैंड सैनेटाइज़र का उपयोग बढ़ गया है, क्योंकि डॉक्टरों की ओर से उस सैनेटाइज़र के इस्तेमाल की सलाह दी जा रही है जिसमें एल्कोहल की मात्रा भी हो।
 
 
कोरोना वायरस का असर बढ़ते हुए देख सरकार की ओर से कई तरह की सावधानियां बरतने को कहा जा रहा है। इनमें बार-बार हाथ धोना, एक दूसरे से दूरी बनाए रखना, भीड़ वाले इलाकों से बचना शामिल है।
 
 
दूसरी ओर सरकार ने देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए शुक्रवार को मास्क (2 प्लाई एवं 3 प्लाई सर्जिकल मास्क, एन95 मास्क) और हैंड सैनिटाइजर को 30 जून तक आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में लाने की घोषणा की। सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मास्क और हैंड सैनिटाइजर को 30 जून तक आवश्यक वस्तु की श्रेणी में रखा जाएगा। कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद इन दोनों उत्पादों की कमी और कालाबाजारी से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है। इससे लोगों को मास्क और सैनिटाइजर उचित दरों पर मिल सकेंगे तथा उनकी जमाखोरी और कालाबाजारी पर रोक लगेगी।
 
 
यह निर्णय सरकार और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को मास्क और हैंड सैनिटाइजर के उत्पादन, गुणवत्ता, वितरण आदि को विनियमित करने और इन वस्तुओं की बिक्री और उपलब्धता को सहज बनाने तथा आदेश के उल्लंघनकर्ताओं आदि एवं इनके अधिमूल्यन, कालाबाजारी आदि में शामिल व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाई करने के सशक्त बनाएगा।
 
 
आवश्यक वस्तु अधिनियम का उल्लंघन करने पर सात वर्ष के कारावास अथवा जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है तथा चोर बाजारी निवारण एवं आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत, उसे अधिकतम छह माह के लिए नजरबंद किया जा सकता है। (एजेंसी)

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