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Interview:मध्यप्रदेश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं,हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स के वैक्सीनेशन के लिए नई गाइडलाइन: डॉ.संतोष शुक्ला

राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर संतोष शुक्ला से सीधी बातचीत

विकास सिंह
मंगलवार, 6 अप्रैल 2021 (12:55 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के विस्फोट होने के बाद अब सरकार का पूरा जोर वैक्सीनेशन पर है। वैक्सीनेशन पर फोकस होने के बीच लगातार वैक्सीनेशन कार्यक्रम को लेकर कई सवाल भी उठ रहे है। कई स्थानों से वैक्सीन के खत्म होने की खबरें भी सामने आई वहीं तय उम्र का क्राइटेरिया 45 साल से काम आयु वाले लोगों को वैक्सीन लगने की खबरें भी आई। वैक्सीनेशन को लेकर इन सभी सवालों को लेकर ‘वेबदुनिया’ने राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर संतोष शुक्ला से वैक्सीनेशन को लेकर उठ रहे कई सवालों को लेकर सीधी बात की।
 
जिलों में वैक्सीन खत्म होने की खबर अफवाह- राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ संतोष शुक्ला वैक्सीन खत्म होने की खबरों को भ्रामक बताते है। वह दावा करते हैं कि प्रदेश के किसी भी जिले में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। प्रदेश में वर्तमान में वैक्सीन से 10 लाख डोज उपलब्ध है। प्रदेश में 1220 वैक्सीन रखने के लिए कोल्ड चैन प्वाइंट बने हुए है और जहां से लगातार वैक्सीन की सप्लाई की जा रही है। लोग से अपील है कि वह वैक्सीनेशन के लिए आगे आए। वह वैक्सीन खत्म होने की खबरों का भ्रामक और अफवाह बताते हुए कहते हैं कि लोगों को किसी भी भ्रम में नहीं रहना चाहिए।
 
45 साल के कम वालों के वैक्सीनेशन पर रोक- मध्यप्रदेश में 45 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को कोरोना की वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। अगर किसी भी प्राइवेट या सरकारी संस्था ने उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में डॉ. संतोष शुक्ला कहते हैं कि अगर किसी भी संस्था में 45 साल से कम उम्र के व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन लगाई गई तो उसका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। बातचीत में वह कहते हैं कि लगातार 45 साल से काम उम्र वाले लोगों के वैक्सीनेशन को लेकर शिकायत मिल रही थी जिसके बाद इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। 
 
हेल्थ,फ्रंटलाइन वर्कर्स के वैक्सीनेशन के लिए नई गाइडलाइन- ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला कहते हैं कि जिन हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स का अब तक वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है ऐसे वर्कर्स के राजिस्ट्रेशन में बड़ा बदलाव किया गया है। अब इस श्रेणी में आने वाले लोगों को सार्टिफिकेट देना पड़ेगा और संस्था की ओर जारी होगा। अगर कोई गलत सार्टिफिकेट पेश करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
 
इंदौर में वैक्सीनेशन की नई रणनीति पर मंथन-कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित इंदौर और भोपाल स्वास्थ्य विभाग वैक्सीनेशन पर खासा फोकस करने जा रहा है।‘वेबदुनिया’ से बातचीत में राज्य टीकाकरण अधिकारी संतोष शुक्ला कहते हैं कि इंदौर कलेक्टर और जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक में आज वैक्सीनेशन बढ़ने पर फोकस किया जाएगा। वैक्सीनेशन  में नावाचार के लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन नई रणनीति तैयार कर रहा है।
 

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