Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

क्या है रमल प्रश्नावली, जानिए इससे अापका भविष्य

अनिरुद्ध जोशी
रमल प्रश्नावली की उत्पत्ति भारत में ही हुई थी। लेकिन इसका प्रचलत भिन्न रूप में अरब में ज्यादा रहा। कहते हैं कि सती के वियोग से व्याकुल भगवान शिव के समक्ष भैरव ने चार बिन्दु बना दिए और उनसे उसी में अपनी इच्छित प्रिया सती को खोजने के लिए कहा।
 
विशेष विधान से उन्होंने इसे सिद्ध करके सातवें लोक में अपनी प्रियतमा को देखा। तभी से इस तरह से भविष्य देखने का प्रचलन शुरू हुआ। दूसरी कथा अनुसार एक बार एक व्यक्ति अरब के रेगिस्तान में भटक गया। तब साक्षात शक्ति ने आकर उसके सामने चार रेखा और चार बिन्दु बना दिए। उसे एक ऐसी विधि बताई कि वह गंतव्य स्थान का मार्ग जान गया। तभी से इस शास्त्र की उत्पत्ति हुई।
 
यह विद्या द्वापरयुग में भी प्रचलन में थी। कहते हैं कि पांडवों के दरबार में माय दानव इस विद्या का जानकार था। जिमुतवाहन के दरबार में रहे विष्णुगुप्त शर्मा इस शास्त्र के उत्तम ज्ञाता थे। आदि शंकराचार्य भी इस विद्या के जानकार थे। नेपोलियन प्रश्नावली का मूल भी रमल प्रश्नावली ही है। पहली सदी में यह विद्या अरब में प्रचारित हुई और यवन के कई पुरोहितों ने इसे जानकर इसका नाम यवनीय ज्योतिष रख दिया था। इस शास्त्र के जानकार दानियल और लुकमान जैसे लोग भी थे। सिकंदर के साथ उनके सलाकार सुरखाब भी इस विद्या के जानकार थे। 
 
कैसी होती है रमल प्रश्नावली?
रमल प्रश्नावली के अंतर्गत चंदन की लकड़ी का चौकोर पाट बनवाकर उस पर 1, 2, 3 और 4 खुदवा लिया जाता है। फिर उसी लकड़ी के तीन पासे बने होते हैं जिस पर इसी तरह से अंक लिखे होते हैं। फिर मां कुष्मांडा का ध्यान करते हुए तीनों पासे को छोड़ा जाता है। उसका जो अंक आता है उसी अंक पर फल लिखा होता है।
 
इस तरह कम से कम 444 तक के प्रश्नों के फल होते हैं। रमल शास्त्र में पासा डालने के उपरांत प्रस्तार अर्थात 'जायचा' बनाया जाता है। प्रस्तार में 16 घर होते हैं। 13, 14, 15 और 16 पर गवाहन अर्थात साक्षी घर होते हैं। प्रस्तार के 1, 5, 7, 13 अग्रि तत्व के होते हैं। 2, 6, 10, 14, 13, 7, 11, 15 घर जल तत्व के होते हैं। राम शलाका भी इसी तरह की विद्या है।
 
 
यदि 1, 2, 5, 6, 9, 11, 12, 14 15 और 16 अंकों में से कोई एक अंक आए तो सफलता अवश्य मिलती है।

सम्बंधित जानकारी

ज़रूर पढ़ें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Indian Calendar 2025 : जानें 2025 का वार्षिक कैलेंडर

Vivah muhurat 2025: साल 2025 में कब हो सकती है शादियां? जानिए विवाह के शुभ मुहूर्त

रावण का भाई कुंभकरण क्या सच में एक इंजीनियर था?

शुक्र का धन राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा धनलाभ

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेंगे धनलाभ के अवसर, जानिए 23 नवंबर का राशिफल

23 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Vrishchik Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: वृश्चिक राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती कब है? नोट कर लें डेट और पूजा विधि

આગળનો લેખ
Show comments