Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

देवशयनी एकादशी पर क्या है देव को सुलाने का मंत्र

Webdunia
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी या हरिशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023) कहते हैं। इस दिन से प्रकृति के पालनकर्ता भगवान श्रीहरि विष्णु क्षीरसागर में चार माह के लिए योगनिद्रा में चले जाएंगे। अत: इस दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित होंगे। बता दें कि इस बार देवशयनी एकादशी 29 जून, 2023, बृहस्पतिवार को मनाई जा रही हैं। इस दिन भगवान श्रीहरि को उनके कुछ खास मंत्रों का जाप करके सुलाया जाता है। 
 
आइए यहां पढ़ें भगवान श्रीहरि के देवशयनी एकादशी के खास मंत्र- 
 
इस हरिशयन मंत्र से सुलाएं भगवान विष्णु को- 
 
सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जमत्सुप्तं भवेदिदम्।
विबुद्दे त्वयि बुद्धं च जगत्सर्व चराचरम्।
 
- यानी, हे प्रभु आपके जगने से पूरी सृष्टि जग जाती है और आपके सोने से पूरी सृष्टि, चर और अचर सो जाते हैं। आपकी कृपा से ही यह सृष्टि सोती है और जागती है, आपकी करुणा से हमारे ऊपर कृपा बनाए रखें।
 
देवशयनी एकादशी नियम एवं पूजन विधि- 
 
देवशयनी या हरिशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजन की जाती है, ताकि चार महीने तक भगवान विष्णु की कृपा बनी रहे। इसके लिए देवशयनी एकादशी के दिन एक पटिये पर लाल कपड़ा बिछाकर श्रीविष्‍णु की मूर्ति या चित्र रख कर दीप जलाएं। उन्हें पीला वस्त्र अर्पित करें। पीली वस्तुओं का भोग लगाएं। भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। अगर कोई मंत्र नहीं आता हैं तो सिर्फ 'हरि' के नाम का जाप निरंतर करते रहे। अगर मंत्र जाप कर रहे हैं तुलसी या चंदन की माला से जप करें। फिर आरती करें। तत्पश्चात श्री हरिशयन के विशेष मंत्रों का उच्चारण करें। 


Devshayani Ekadashi sankalp Mantra 2023 

यहां पढ़ें मंत्र- 
 
1. देवशयनी एकादशी संकल्प मंत्र- 
 
सत्यस्थ: सत्यसंकल्प: सत्यवित् सत्यदस्तथा।
धर्मो धर्मी च कर्मी च सर्वकर्मविवर्जित:।।
कर्मकर्ता च कर्मैव क्रिया कार्यं तथैव च।
श्रीपतिर्नृपति: श्रीमान् सर्वस्यपतिरूर्जित:।।
 
2. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का मंत्र-
 
सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत सुप्तं भवेदिदम।
विबुद्धे त्वयि बुध्येत जगत सर्वं चराचरम।
 
3. क्षमा मंत्र-
 
भक्तस्तुतो भक्तपर: कीर्तिद: कीर्तिवर्धन:।
कीर्तिर्दीप्ति: क्षमाकान्तिर्भक्तश्चैव दया परा।।
 
इस तरह पूजन करके श्रीहरि विष्‍णु जी की पूर्ण कृपा प्राप्त कर लें। तत्पश्चात जब भगवान विष्णु जागते हैं, तो उसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इसके साथ ही सभी तरह के शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। 


Devshayani ekadashi Kshama mantra 2023


 

सम्बंधित जानकारी

ज़रूर पढ़ें

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

Shopping for Diwali: दिवाली के लिए क्या क्या खरीदारी करें?

दिवाली को लेकर कंफ्यूजन खत्म, जानिए सही तारीख और शुभ मुहूर्त के साथ

बहुत रोचक है आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति की कथा, जानिए कौन हैं भगवान धन्वंतरि?

Dhanteras 2024: अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस पर कितने, कहां और किस दिशा में जलाएं दीपक?

सभी देखें

नवीनतम

नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 28 से 03 नवंबर तक

Aaj Ka Rashifal: 27 अक्टूबर के दिन इन 4 राशियों को मिलेगा भाग्य का साथ, पढ़ें अपना राशिफल

27 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

27 अक्टूबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

बुध का वृश्‍चिक राशि में गोचर, 3 राशियों के लिए रहेगा कठिन समय

આગળનો લેખ
Show comments