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कब से है पंचक : जानिए 18 जून से लगने वाले पंचक की खास बातें

कब से है पंचक : जानिए 18 जून से लगने वाले पंचक की खास बातें
इस बार 18 जून 2022 (18 June 2022 Panchak Start) से पंचक लग रहा है। यह पंचक काल शनिवार से लगने के कारण 'मृत्यु पंचक' (mrityu panchak 2022) कहलाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है। इसे अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है। 
 
इसके अंतर्गत घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को ही पंचक कहा जाता है। इन दिनों में विशेष संभल कर रहने की आवश्यकता होती है। मृत्यु पंचक इस बार 18 जून 2022, दिन शनिवार को 18.43 मिनट से शुरू होकर 23 जून 2022, दिन गुरुवार को 06.14 मिनट तक जारी रहेगा। 
 
यहां जानिए इस पंचक की खास बातें... : special point of mrityu panchak
 
1. शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है। 
 
2. इस पंचक के मृत्यु नाम से ही पता चलता है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला माना गया है। 
 
3. मृत्यु पंचक काल के 5 दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे कार्य नहीं करना चाहिए। 
 
4. मृत्यु पंचक के दिन कार्य शुरू करने से उस व्यक्ति के साथ किसी अनहोनी या दुर्घटना होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती है। यहां तक कि मृत्यु तक की आशंका बनी रहती है, क्योंकि पांच पंचकों में सबसे अधिक कष्टकारक शनि पंचक माना गया है। 
 
5. शनिवार को लगने वाले इस पंचक के प्रभाव से वाद-विवाद, दुर्घटना होने तथा चोट लगने आदि का खतरा बन रहता है। 
 
6. अगर किसी कारणवश पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करना ही पड़ें तो हनुमान मंदिर में 5 फल चढ़ाकर यात्रा प्रारंभ करें।
 
7. अगर घर में शादी का शुभ समय आ गया है और समय की कमी है तब लकड़ी का सामान खरीदना जरूरी हो तो गायत्री हवन करवा कर लकड़ी के फर्नीचर की खरीदारी कर सकते हैं।
 
8. पंचक में अगर ईंधन इकट्ठा करना जरूरी हो तो आटे से निर्मित पंचमुखी दीपक में तेल भरकर  शिव जी के मंदिर में जलाएं, उसके बाद ईंधन खरीदें।
 
9. अगर इन दिनों घर के मकान की छत डलवाना जरूरी हो तो ऐसे समय में मजदूरों को मिठाई खिलाएं, तत्पश्चात छत डलवाने का कार्य करें। 
 
10. इन दिनों किसी रिश्तेदारी में शव दहन हो या घर-परिवार में अचानक किसी की मृत्यु हो गई हो तो पंचक होने के कारण शव दहन के समय 5 अलग पुतले बनाकर उन्हें अवश्य जलाएं। तत्पश्चात दाह संस्कार करें।

अत: मृत्यु पंचक का अशुभ समय जब लगता है, तो शुभ काम नहीं किए जाते हैं। 

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