Manipur violence : कांग्रेस ने मणिपुर में राजग के विधायक दल की बैठक से कई विधायकों के अनुपस्थित रहने को लेकर मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या वह दीवार लिखी इबारत को पढ़ नहीं पा रहे हैं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, 'मणिपुर विधानसभा में 60 विधायक हैं। कल रात मणिपुर के मुख्यमंत्री ने इंफाल में राजग के सभी विधायकों की बैठक बुलाई, जिसमें उनके अलावा केवल 26 विधायक ही उपस्थित हुए। इन 26 में से 4 विधायक एनपीपी के हैं, जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को मौजूदा मुख्यमंत्री से समर्थन वापस लेने के लिए पत्र लिख चुके हैं।'
उन्होंने कहा कि दीवार पर लिखी इबारत बिल्कुल साफ है। लेकिन क्या मणिपुर के बड़े सूत्रधार - केंद्रीय गृह मंत्री इसे पढ़ रहे हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री ने राज्य की सारी ज़िम्मेदारी सौंप दी है और आउटसोर्स कर दिया है ? रमेश ने सवाल किया कि मणिपुर के लोगों की असहनीय पीड़ा, दुख और तकलीफ़ कब तक यूं ही जारी रहेगी।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार शाम सत्तारूढ़ राजग के मंत्रियों और विधायकों की बैठक बुलाई थी।
राज्य 60 सदस्यीय विधानसभा में सात विधायकों वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और दावा किया है कि बीरेन सिंह सरकार पूर्वोत्तर राज्य में संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रही है। हालांकि, समर्थन वापसी से भाजपा सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि उसके पास 32 विधायकों के साथ बहुमत है।
मणिपुर विधानसभा का समीकरण: मणिपुर विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व में भाजपा को समर्थन देने वाले एनडीए के पास बहुमत है, लेकिन सहयोगी दलों के असंतोष ने स्थिति को जटिल बना दिया है। कांग्रेस ने इस राजनीतिक संकट को गृह मंत्री की विफलता करार दिया है।
क्या PM मोदी लेंगे हस्तक्षेप? मणिपुर की बिगड़ती स्थिति और एनडीए में उभरते मतभेद केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। कांग्रेस ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है। क्या प्रधानमंत्री मणिपुर जाकर स्थिति का जायजा लेंगे, या गृह मंत्री अमित शाह पर जिम्मेदारी बनी रहेगी? इस सवाल का जवाब आने वाले दिनों में साफ हो सकता है।
edited by : Nrapendra Gupta