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स्कूल प्रबंधक के अपहरण की लाइव तस्वीरें वायरल, पुलिस ने कराया मुक्त

हिमा अग्रवाल
शुक्रवार, 18 जून 2021 (08:41 IST)
प्रयागराज। प्रयागराज के कर्नलगंज थाना क्षेत्र के कटरा इलाके से अपहरण की लाइव तस्वीरे सामने आ रही है। जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि कहानी रील लाइफ से निकल कर रीयल लाइफ में आ गई है।

प्रयागराज के मनमोहन पार्क के निकट बुधवार शाम कार सवार कुछ युवकों ने एक शख्स को जबरन कार में डाल लिया। पुलिस को सूचना दी गई और मौके पर पहुंची पुलिस ने शहर की नाकाबंदी करते हुए कार को रोक लिया और अपहरणकर्ताओं के चंगुल से अपहृत को मुक्त कराया।
 
अपहरण किया गया शख्स एक स्कूल का प्रबंधक रजनीकांत शुक्ला है। कटरा क्षेत्र में सरेराह हुई इस वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हड़कंप मच गया। अपहरण करने वालों के हौंसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने चलती सड़क से रजनीकांत को कार में डाला।
 
सूचना पर पुलिस ने नाकेबन्दी करते हुए कुछ ही देर में करेली क्षेत्र में कार को रोका और फिर अपहरणकर्ता के कब्जे से स्कूल प्रबंधक को मुक्त कराया। पुलिस गिरफ्त में आये अपहरणकर्ताओं ने पूछताछ में बताया कि रजनीकांत ने नौकरी लगवाने के नाम से 13 लाख रूपये लिए थे, लेकिन नौकरी नहीं लगी और ना ही प्रबंधक ने पैसे वापस किए। जिसके चलते उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया।
 
इस मामले में पुलिस ने पैथोलाजिस्ट शिव नारायण पांडेय को गिरफ्तार किया है साथ ही घटना को अंजाम देने में शामिल शिव नारायण के भाई और भतीजा समेत अन्य की तलाश जारी है।
 
पुलिस ने बताया कि औद्योगिक थाना के बेंदों गांव के रहने वाला रजनीकांत शुक्ला श्रीसत्य विद्यापीठ इंटर कालेज के प्रबंधक हैं। 6 साल पहले उसकी मुलाकात बेनीगंज करेली के रहने वाले शिव नारायण से हुई थी। शिव नारायण पेशे से गंगा अस्पताल में पैथोलाजिस्ट का काम करता है।
 
शिव नारायण का आरोप है कि रजनीकांत ने अध्यापक पद पर दो लोगों की सरकारी नौकरी लगवाने के लिए 2016 में 33 लाख रुपए लिए थे। इसके बाद उन्होंने शिवनारायण की बेटी छाया की नौकरी लगवा दी, लेकिन श्याम नारायण की बेटी आरती की नौकरी नहीं लग सकी। जब पीड़ितों ने रजनीकांत से पैसा वापस मांगा तो उसने उसने चेक दिया, बैंक में जाकर चैक बाउंस हो गया। पैसे वापस करने को लेकर कई बार कहासुनी और पंचायत भी हुई।
 
गुरुवार शाम करीब चार बजे रजनीकांत बीएसए दफ्तर से मनमोहन पार्क के पास अपनी जीप से पहुंचे और वहां नजदीक की एक दुकान से कुछ दस्तावेज फोटोस्टेट करवाने लगे। तभी वहां नीले रंग की एक कार आती है, उसमें से कुछ लोग उतर कर स्कूल प्रबंधक को जबरन हत्यारों के बल पर कार में डाल लेते है।
 
वहां खड़े कुछ लोगों ने अपहरण की इस वारदात की घटना अपने मोबाइल में कैद कर ली, जो मिनटों में सोशल मीडिया पर तैरने लगी। वीडियो वायरल होते ही हड़कंप मच गया। पुलिस एक्शन मोड़ आ गई, घेराबंदी हुघ और सकुशल रजनीकांत अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त हो गया।

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