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इसराइल पर हमलों की निन्दा, ग़ाज़ा में मानवीय आपदा की आशंका पर गहरी चिन्ता

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मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023 (12:05 IST)
यूएन प्रमुख ने सोमवार को न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान शनिवार को हमास द्वारा ग़ाज़ा के आसपास स्थित इसराइली शहरों व गांवों पर किए गए ‘घृणित’ हमलों की कठोर निन्दा की, और इसराइल द्वारा की जा रही जवाबी कार्रवाई में आम नागरिकों व नागरिक प्रतिष्ठानों को पहुंची क्षति पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है।

उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि मध्य पूर्व क्षेत्र में रक्तपात, नफ़रत और ध्रुवीकरण के इस घातक चक्र का अन्त किया जाए। हमास द्वारा किए गए इन हमलों में 800 से ज़्यादा इसराइलियों की मौत हुई है और ढाई हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं। अब भी हमले जारी हैं और अनेक लोग लापता हैं, जिसके कारण हताहतों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि 100 से अधिक इसराइलियों को हथियारबन्द गुटों ने बन्धक बना लिया है, जिनमें महिलाएं, बच्चे, बुज़ुर्ग और सैनिक हैं। कुछ बन्धकों को इसराइली इलाक़ों में रखा गया है, जबकि अन्य को ग़ाज़ा पट्टी ले जाया गया है। हमास और फ़लस्तीनी इस्लामी जिहाद ने मध्य इसराइल को निशाना बनाकर ताबड़तोड़ हज़ारों रॉकेट दागे हैं, जिनकी चपेट में तेल अवीव, येरूशेलम समेत अन्य इलाक़े आए हैं।

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि वह फ़लस्तीनी लोगों के जायज़ कष्टों को समझते हैं, लेकिन इन आतंकी कृत्यों, हत्याओं और आम नागरिकों को बन्धक बनाए जाने को किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है।

मैं इन हमलों को तत्काल रोकने और सभी बन्धकों को रिहा करने की अपील दोहराता हूं
ग़ाज़ा में हालात पर चिन्ता : यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने ध्यान दिलाया कि इन अभूतपूर्व हमलों के जवाब में इसराइली हवाई कार्रवाई से ग़ाज़ा दहल उठा है। इस कार्रवाई में अब तक 500 से अधिक फ़लस्तीनियों की मौत हुई है, जिनमें महिलाएं व बच्चे हैं, जबकि तीन हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं।

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि वह इसराइल की जायज़ सुरक्षा चिन्ताओं को समझते हैं, लेकिन ध्यान दिलाना चाहेंगे कि सैन्य अभियान को अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून का सख़्त पालन करते हुए संचालित करना होगा।

आम नागरिकों का सदैव सम्मान व रक्षा की जानी होगी। नागरिक प्रतिष्ठानों को कभी भी निशाना नहीं बनाया जाना होगा

यूएन प्रमुख ने बताया कि ग़ाज़ा में इसराइली मिसाइल हमलों में स्वास्थ्य केन्द्रों, बहुमंज़िला रिहायशी इमारतों, एक मस्जिद के अलावा, यूएन द्वारा संचालित दो स्कूलों को क्षति पहुंची है, जिनमें विस्थापित परिवारों ने शरण ली हुई है। अब तक ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन राहत एवं कार्य एजेंसी के केन्द्रों पर एक लाख 37 हज़ार लोगों ने शरण ली है। भीषण बमबारी और हवाई हमलों के बीच यह संख्या निरन्तर बढ़ रही है।

यूएन प्रमुख ने कहा कि इसराइल ने ग़ाज़ा पट्टी में पूर्ण नाकेबन्दी की घोषणा की है और बिजली, खाद्य सामग्री व ईंधन की आपूर्ति पर पूरी तरह से पाबन्दी होगी। उनके अनुसार ग़ाज़ा में हिंसक टकराव से पहले से ही विकट हालात थे और अब परिस्थितियां बद से बदतर हो जाने की आशंका है।

सहायता प्रयासों के लिए समर्थन : यूएन प्रमुख ने कहा कि ग़ाज़ा में मानवीय राहत व अति आवश्यक सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी होगी और यूएन ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुंचाने के लिए अपने प्रयास जारी रखेगा। उन्होंने सभी पक्षों से आग्रह किया है कि संयुक्त राष्ट्र को फ़लस्तीनी आम नागरिकों तक तत्काल मानवीय सहायता पहुंचाने की अनुमति देनी होगी, जो ग़ाज़ा पट्टी में फंसे हुए हैं और असहाय हैं।

महासचिव गुटेरेश, यूएन विशेष समन्वयक के साथ मिलकर क्षेत्र में सभी नेताओं के साथ सम्पर्क में हैं। उन्होंने मौजूदा घटनाक्रम पर चिन्ता व क्षोभ व्यक्त किया है और इस टकराव के वृहद मध्य पूर्व क्षेत्र में फैलने से रोकने के लिए प्रयासों को मज़बूती देने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि इस बदतरीन समय में भी दीर्घकालिक क्षितिज को देखना होगा और उन क़दमों को उठाने से बचा जाना होगा, जिनसे चरमपंथियों के हाथ मज़बूत होंगे और स्थाई शान्ति की आशाएं धूमिल हो जाएंगी। यूएन प्रमुख के अनुसार, हिंसा का यह नया दौर निर्वात में नहीं पनपा है, और इसके मूल में एक लम्बे समय से जारी टकराव है – 56 वर्ष से जारी क़ब्ज़ा, जिसका कोई राजनैतिक अन्त नज़र नहीं आ रहा है।

महासचिव गुटेरेशे ने ज़ोर देकर कहा कि रक्तपात, नफ़रत और ध्रुवीकरण के इस घातक चक्र पर विराम लगाना होगा। इसराइल की जायज़ सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करना होगा, और फ़लस्तीनियों को अपना देश स्थापित करने के लिए स्पष्ट परिप्रेक्ष्य के साथ आगे बढ़ना होगा।
Credit: UN News Hindi (Photo UN)

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