Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

22 सितंबर : गुरु नानक देव ने सिख धर्म की स्थापना की थी, जानिए 10 तथ्य

Webdunia
Guru Nanak dev
 

1. भारत में सिख पंथ का अपना एक पवित्र एवं अनुपम स्थान है सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव सिख धर्म के प्रवर्तक हैं। उन्होंने अपने समय के भारतीय समाज में व्याप्त कुप्रथाओं, अंधविश्वासों, जर्जर रूढ़ियों और पाखंडों को दूर करते हुए प्रेम, सेवा, परिश्रम, परोपकार और भाई-चारे की दृढ़ नीव पर सिख धर्म की स्थापना की।
 
2. सिख धर्म की स्थापना गुरु नानक देव ने की थी। गुरु नानक देव जी का जन्म सन् 1469 में तलवंडी नामक गांव में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ। वे बचपन से ही अध्यात्म एवं भक्ति की तरफ आकर्षित थे। नानकदेव स्थानीय भाषा के साथ पारसी और अरबी भाषा में भी पारंगत थे। गुरु नानक देव ने इस बात भी पर जोर दिया कि ईश्वर सत्य है और मनुष्य को अच्छे कार्य करने चाहिए ताकि परमात्मा के दरबार में उसे लज्जित न होना पड़े।
 
3. बचपन में नानक को चरवाहे का काम दिया गया था और पशुओं को चराते समय वे कई घंटों ध्यान में रहते थे। एक दिन उनके मवेशियों ने पड़ोसियों की फसल को बर्बाद कर दिया तो उनको उनके पिता ने उनको खूब डांटा। जब गांव का मुखिया राय बुल्लर वो फसल देखने गया तो फसल एकदम सही-सलामत थी। यही से उनके चमत्कार शुरू हो गए और इसके बाद वे संत बन गए।
 
4. गुरु नानक देव जी ने ऐसे विकट समय में जन्म लिया था, जब भारत में कोई केंद्रीय संगठित शक्ति नहीं थी। विदेशी आक्रमणकारी भारत देश को लूटने में लगे थे। धर्म के नाम पर अंधविश्वास और कर्मकांड चारों तरफ फैले हुए थे। ऐसे समय में गुरु नानक सिख धर्म के एक महान दार्शनिक, विचारक साबित हुए। 
 
5. उनके व्यक्तित्व में दार्शनिक, कवि, योगी, गृहस्थ, धर्म सुधारक, समाज सुधारक, देशभक्त और विश्वबंधु के समस्त गुण मिलते हैं। गुरु नानक देव जी ने उपदेशों को अपने जीवन में अमल किया और चारों ओर धर्म का प्रचार कर स्वयं एक आदर्श बने। सामाजिक सद्भाव की मिसाल कायम की और मानवता का सच्चा संदेश दिया। 
 
6. गुरु नानक देव जी आत्मा, ईश्वर के सच्चे प्रतिनिधि, महापुरुष व महान धर्म प्रवर्तक थे। जब समाज में पाखंड, अंधविश्वास व कई असामाजिक कुरीतियां मुंहबाएं खड़ी थीं, हर तरफ असमानता, छुआछूत व अराजकता का वातावरण जोरों पर था, ऐसे नाजुक समय में गुरु नानक देव ने आध्यात्मिक चेतना जाग्रत करके समाज को मुख्य धारा में लाने के लिए कार्य किया।
 
7. सिख पंथ का इतिहास, पंजाब का इतिहास और दक्षिण एशिया (अब मौजूदा पाकिस्तान और भारत) के सोलहवीं सदी के सामाजिक एवं राजनैतिक माहौल से बहुत मिलता-जुलता है। मुगल सल्तनत के दौरान लोगों के मानवाधिकार की हिफाजत करने के लिए सिखों के संघर्ष उस समय की हकूमत से थी, इस कारण से सिख गुरुओं ने मुस्लिम मुगलों के हाथों बलिदान दिया।  
 
8. सिख धर्म के सिद्धांत और इतिहास की शानदार परंपराएं आज भी इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। सिख धर्म का सुप्रसिद्ध सिंहनाद है- 'नानक नाम चढ़दी कला-तेरे भाणे सरबत का भला।' इससे यह स्पष्ट है कि प्रभु भक्ति द्वारा मानवता को ऊंचा उठाकर सबका भला करना ही सिख धर्म का पवित्र उद्देश्य रहा है। इसके धर्मग्रंथ, धर्म मंदिर, सत्संग, मर्यादा, लंगर (सम्मिलित भोजनालय) तथा अन्य कार्यों में मानव प्रेम की पावन सुगंध फैलती है। 
 
9. गुरु नानक देव ने जहां सिख धर्म की स्थापना की, वही उदारवादी दृष्टिकोण से सभी धर्मों की अच्छाइयों को भी समाहित किया। उनका मुख्य उपदेश यह था कि, ईश्वर एक है, हिन्दू मुसलमान सभी एक ही ईश्वर की संतान हैं और ईश्वर के लिए सभी समान हैं और उसी ने सबको बनाया है। नानक ने 7,500 पंक्तियों की एक कविता लिखी थी जिसे बाद में गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल कर लिया गया।
 
10. सिख गुरुओं का इतिहास देखने पर पता चलता है कि उन्होंने साम्राज्यवादी अवधारणा कतई नहीं बनाई, बल्कि उन्होंने संस्कृति, धार्मिक एवं आध्यात्मिक सामंजस्य के माध्यम से मानवतावादी संसार को महत्व दिया। उन्होंने सुख प्राप्त करने तथा ध्यान करते हुए प्रभु की प्राप्ति करने की बात कही है। गुरु नानक देव की मृत्यु 22 सितंबर 1539 को करतारपुर में हुई थी। सिख पंथ के पूज्य 10 हैं- गुरु नानकदेवजी, गुरु अंगददेवजी, गुरु अमरदासजी, गुरु रामदासजी, गुरु अर्जनदेवजी, गुरु हरगोविन्दजी, गुरु हरिरायजी, गुरु हरिकिशनजी, गुरु तेगबहादुरजी, गुरु गोविन्दसिंहजी। 

ALSO READ: गुरु नानक देव के 5 प्रेरक प्रसंग

ALSO READ: गुरु नानक देव जी के जीवन की 10 बड़ी बातें

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dhanteras 2024: अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस पर कितने, कहां और किस दिशा में जलाएं दीपक?

क्या है मुंबई स्थित महालक्ष्मी मंदिर का रहस्यमयी इतिहास,समुद्र से निकली थी यहां माता की मूर्ति

धनतेरस सजावट : ऐसे करें घर को इन खूबसूरत चीजों से डेकोरेट, आयेगी फेस्टिवल वाली फीलिंग

दिवाली पर मां लक्ष्मी को बुलाने के लिए करें ये 5 उपाय, पूरे साल रहेगी माता लक्ष्मी की कृपा

दिवाली से पहले घर से हटा दें ये पांच चीजें, तभी होगा मां लक्ष्मी का आगमन

सभी देखें

धर्म संसार

सिखों के 7वें गुरु, गुरु हर राय जी की पुण्यतिथि, जानें 5 खास बातें

Aaj Ka Rashifal: क्या कहती है आज आपकी राशि, पढ़ें 25 अक्टूबर 2024 का दैनिक राशिफल

25 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 अक्टूबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

આગળનો લેખ
Show comments