Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

विवाह पंचमी पर क्यों नहीं करते हैं शादी, जानिए इसका राज?

Webdunia
विवाह पंचमी का दिन हिन्दू धर्म में बहुत मायने रखता है, क्योंकि इसी दिन जानकी और श्री राम का शुभ विवाह संपन्न हुआ था। यह दिन भारत में एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। श्री राम और जानकी सीता के विवाह की वर्षगांठ के तौर पर विवाह पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। इस बार 28 नवंबर 2022 को विवाह पंचमी (Vivah Panchami) मनाई जा रही है। 
 
पौराणिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को देवी सीता का स्वयंवर हुआ था। इस पर्व को मिथिलांचल और नेपाल में बहुत उत्साह और आस्था से मनाया जाता है। इस दिन अयोध्या और जनकपुर में प्रभु राम की बारात विशेष तैयारियों के साथ निकाली जाती है। विवाह पंचमी को लेकर कई पुराणों में इसका विशेष महत्व है, बावजूद इसके इस दिन कई जगहों पर शुभ विवाह के मांगलिक कार्य संपन्न नहीं किए जाते हैं यानी कि लोग अपने बेटी का विवाह इस दिन करना उचित नहीं मानते हैं। 
 
धार्मिक दृष्टि से इस दिन का अधिक महत्व होने के बाद भी मिथिलांचल और नेपाल में इस दिन विवाह आयोजन नहीं किए जाते हैं। इस दिन त्योहार तो मनाया जाता है, लेकिन माता सीता के दुखद वैवाहिक जीवन को देखते हुए इस दिन विवाह निषेध होते हैं। शास्त्रों की मानें तो भौगोलिक रूप से सीता मिथिला की बेटी कहलाई जाती है। इसलिए भी मिथिलावासी सीता के दुख और कष्टों को लेकर अतिरिक्त रूप से संवेदनशील हैं। 
 
14 वर्ष वनवास के बाद भी गर्भवती सीता का श्रीराम ने परित्याग कर दिया था। इस तरह राजकुमारी सीता को महारानी सीता का सुख नहीं मिला। माता सीता का आगे का सारा जीवन अपने जुड़वां बच्चों लव और कुश के साथ वन में ही बीता। इसीलिए विवाह पंचमी के दिन लोग अपनी बेटियों का विवाह नहीं करते हैं।

उनके मन आशंका यह होती है कि कहीं माता जानकी की तरह ही उनकी बेटी का वैवाहिक जीवन दुखमय न हो जाए, सिर्फ इतना ही नहीं, विवाह पंचमी पर की जाने वाली रामकथा का अंत राम और सीता के विवाह पर ही हो जाता है। क्योंकि दोनों के जीवन के आगे की कथा दुखों और कष्टों से भरी है और इस शुभ दिन सुखांत करके ही कथा का समापन कर दिया जाता है। 
 
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार भगवान राम और देवी सीता भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के ही अवतार हैं। दोनों ने समाज में आदर्श और मर्यादित जीवन की मिसाल कायम करने के लिए मानव अवतार लिया। अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को राम-सीता का विवाहमिथिलांचल में संपन्न हुआ था।
 
श्री राम-सीता विवाह कथा (Ram Sita Vivah Katha)- पुराणों में वर्णन है कि राम-सीता श्री विष्‍णु और लक्ष्मी के अवतार हैं। राजा दशरथ के घर पैदा हुए राम और राजा जनक की पुत्री है सीता। बताया जाता है कि सीता का जन्म धरती से हुआ है। जब जनक हल चला रहे थे, तब उन्हें एक नन्हीं-सी बच्ची मिली थी। इसे ही नाम दिया गया सीता, यही जनकनंदिनी कहलाईं। 
 
मान्यता है कि एक बार बचपन में सीता ने मंदिर में रखे धनुष को बड़ी सहजता से उठा लिया। उस धनुष को तब तक परशुराम के अतिरिक्त और किसी ने उठाया नहीं था। तब राजा जनक ने यह निर्णय लिया कि जो कोई शिव का यह धनुष उठा पाएगा, उसी से सीता का विवाह किया जाएगा।

उसके बाद सीता के स्वयंवर का दिन निश्चित किया गया और सभी जगह संदेश भेजे गए। उस समय भगवान राम और लक्ष्मण महर्षि वशिष्ठ के साथ दर्शक के रूप में उस स्वयंवर में पहुंचे थे। कई राजाओं ने प्रयास किए, लेकिन कोई भी उस धनुष को अपनी जगह हिला न सका, उस पर प्रत्यंचा चढ़ाना तो बहुत दूर की बात थी। 
 
हताश जनक ने करुण शब्दों में अपनी पीड़ा महर्षि वशिष्ठ के सामने व्यक्त की थी 'क्या कोई भी मेरी पुत्री के योग्य नहीं है?' तब महर्षि वशिष्ठ ने श्री राम को इस स्वयंवर में भाग लेने का आदेश दिया। अपने गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए भगवान श्री राम ने धनुष उठाया और उस पर प्रत्यंचा चढ़ाने लगे कि धनुष टूट गया। 
इस तरह उन्होंने स्वयंवर की शर्त को पूरा किया और सीता से विवाह के लिए योग्य पाए गए।

भारतीय जनमानस में राम और सीता प्रेम, समर्पण, और आदर्श के परिचायक पति-पत्नी हैं। इसलिए भी हमारे समाज में राम और सीता को आदर्श पति-पत्नी के रूप में स्वीकारा और पूजा जाता हैं, क्योंकि इतिहास-पुराण में श्री राम जैसा कोई पुत्र, भाई, योद्धा और राजा नहीं हुआ। उसी तरह इतिहास में सीता-सी कोई पुत्री, पत्नी, मां, बहू नहीं हुई। 

Ram-Sita

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज क्‍या कहते हैं आपके तारे? जानें 22 नवंबर का दैनिक राशिफल

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

આગળનો લેખ
Show comments