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बच्चों की मौत पर सियासत नहीं, संवेदना चाहिए : योगी

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रविवार, 13 अगस्त 2017 (16:10 IST)
गोरखपुर। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौतों पर कांग्रेस पर सियासत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सियासत का नहीं, बल्कि संवेदना का मामला है। 
 
योगी ने रविवार को यहां सवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए गुलाम नबी आजाद जब गोरखपुर के दौरे पर आए थे तो उन्होंने गोरखपुर तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में इंसेफ्लाइटिस, एक्यूट इंसेफ्लाइटिस, जापानी मस्तिष्क ज्वर तथा अन्य बीमारियों के बारे में मामला उठाया था लेकिन उन्होंने इसे राज्य का मामला बताकर पल्ला झाड़ लिया था और अब वही बच्चों की मौतों पर सियासत कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौतों के लिए दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले की जांच के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है, जो ऑक्सीजन की कमी से लेकर अन्य सभी तथ्यों पर जांच कर शीघ्र ही रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी।
 
योगी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में बच्चों की स्वाभाविक मौतें हुई हैं। कोई नरसंहार नहीं हुआ। कुछ लोग इसमें अपनी राजनीतिक रोटिया सेंक रहे हैं। बच्चों की मौतें एक हृदयविदारक घटना है। शोक-संतप्त परिवारों के प्रति सरकार की पूरी संवेदना है। इस घटना ने देश को अंदर से झकझोर दिया है।
 
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस घटना से दुखी हैं और उन्होंने पूरी मदद करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा को जानकारी लेने के लिए यहां भेजा है। केंद्र सरकार ने इस घटना की जांच एवं उपाय करने के लिए चिकित्सकों की एक टीम भेजी है। उन्होंने केंद्र सरकार से पूर्वी उत्तरप्रदेश में इंसेफ्लाइटिस की जांच एवं वैक्सीन तैयार करने के लिए एक सेंटर खोलने की मांग की है जिससे इस रोग से यहां के बच्चों को निजात मिल सकें।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तरप्रदेश से इंसेफ्लाइटिस रोग को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए सड़क से संसद तक 1996 से लड़ाई उन्होंने लड़ी है, जो अभी भी जारी है। इस रोग से निजात दिलाने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। केंद्र सरकार पूरी तरह मदद कर रही है।
 
उन्होंने मीडिया से सही तथ्यों को सामने लाने की अपील करते हुए कहा कि निरीक्षण के लिए पत्रकार वार्ड में जा सकते हैं। केवल अनुमान से भ्रम न फैलाएं। सही तथ्यों को लोगों के सामने रखें जिससे कि समस्याओं के समाधान में सरकार को मदद मिले। उन्होंने सरकारी डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर पाबंदी लगाने की घोषणा की। 
 
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार इस पर पूरी नजर रखे है। इस मामले में राज्य सरकार की हरसंभव मदद की जाएगी। चिकित्सकों का एक दल इसकी जांच के लिए यहां आया है, जो सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
 
इससे पहले योगी और नड्डा ने मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। वे वार्डों में गए। मरीजों और उनके तीमारदारों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। (वार्ता)

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