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हिमाचल प्रदेश : जहां प्रकृति अपनी अद्‍भुत छटा बिखरेती है...

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मंगलवार, 14 अप्रैल 2020 (13:50 IST)
हिमाचल यानी ऐसा क्षेत्र जो बर्फ से आच्छादित रहता है। प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर हिमाचल को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। यहां कई मशहूर मंदिर एवं धार्मिक स्थल है। यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य को देखकर लगता है कि प्रकृति इस राज्य पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान है।
 
हिमाचल प्रदेश का स्थापना दिवस 15 अप्रैल को ‍मनाया जाता है, जिसे हिमाचल दिवस भी कहा जाता है। दरअसल, 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल प्रदेश चीफ कमिश्नर के राज्यों के रूप में अस्तित्व में आया, जबकि भारतीय संविधान लागू होने के साथ 26 जनवरी 1950 को हिमाचल प्रदेश 'ग' श्रेणी का राज्य बना।
 
1 जुलाई 1954 को बिलासपुर हिमाचल में शामिल हुआ। 1 जुलाई 1956 में हिमाचल केंद्र शासित प्रदेश बना। 1 नवंबर 1966 को कांगड़ा और पंजाब के कुछ पहाड़ी इलाकों को हिमाचल में मिला दिया गया, लेकिन इसका स्वरूप केंद्र शासित प्रदेश का ही रहा।
 
1970 में बना 18वां राज्य : संसद द्वारा दिसंबर 1970 को हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम पास किया गया तथा नया राज्य 25 जनवरी 1971 को अस्तित्व में आया। इस तरह 1970 में हिमाचल भारतीय गणराज्य का 18वां राज्य बना। तब से लेकर आज तक हिमाचल प्रदेश ने एक लंबी यात्रा तय की है।
 
इस प्रदेश ने अनेकों सरकारें देखी हैं, जिन्होंने राज्य को आर्थिक निर्भरता की ओर अग्रसर किया है। हिमाचल दिवस यानी 15 अप्रैल को यहां सार्वजनिक अवकाश होता है। वर्तमान में यहां भाजपा की सरकार है और जयराम ठाकुर राज्य के मुख्‍यमंत्री हैं। 
 
भौगोलिक स्थिति : हिमाचल प्रदेश भारत के उत्तरी भाग में स्थित है। इसके उत्तर में जम्मू-कश्मीर, पश्चिम में पंजाब, दक्षिण-पश्चिम में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत स्थित है। हिमाचल प्रदेश का कुल क्षेत्रफल 55 हजार 673 वर्ग किलोमीटर है। हिमाचल प्रदेश की आधिकारिक भाषाएं हिंदी और संस्कृत हैं। 
 
प्रमुख नदियां : हिमाचल प्रदेश में 5 प्रमुख नदियां बहती हैं। इनमें 4 उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। अर्थात ये चारों नदियां वैदिक कालीन हैं। इन सभी नदियों के स्रोत बर्फ से ढंकी पहाड़ियों में स्थित हैं। उस समय ये नदियां अन्य नामों  से जानी जाती थीं। जैसे- अरिकरी (चिनाब) पुरुष्णी (रावी), अरिजिकिया (ब्यास) तथा शतदुई (सतलुज) तथा पांचवीं नदी कालिंदी जो कि यमुनोत्री से निकलती है। उसका पौराणिक संबंध सूर्यदेव से बताया जाता है। 
 
जलवायु : हिमाचल में प्रमुखत: 3 ऋतुएं होती हैं- ग्रीष्म, शरद और वर्षा ऋतु। यहां कहीं-कहीं वर्षभर बर्फ गिरती है, तो कहीं-कहीं गर्मी होती है। हिमाचल में गर्म पानी के चश्मे भी हैं और हिमनद भी हैं। 
 
व्यवसाय : कृषि हिमाचल प्रदेश का प्रमुख व्‍यवसाय है। यह राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। एक जानकारी के मुताबिक 69 प्रतिशत कामकाजी आबादी को सीधा रोजगार मुहैया कराती है। कृषि और उससे संबंधित क्षेत्र से होने वाली आय प्रदेश के कुल घरेलू उत्‍पाद का 22.1 प्रतिशत है। 
 
इसके साथ ही यहां किसान बागवानी भी करते हैं। बागवानी के अंतर्गत आने वाले प्रमुख फल हैं- सेब, नाशपाती, आडू, बेर, खूमानी, गुठली वाले फल, नींबू प्रजाति के फल, आम, लीची, अमरूद और झरबेरी आदि। 1950 में केवल 792 हेक्‍टेयर क्षेत्र बागवानी के अंतर्गत था, जो बढ़कर 2.23 लाख हेक्‍टेयर हो गया है। 
 
वनभूमि : वन रिकार्ड के अनुसार कुल वन क्षेत्र 37,033 वर्ग किलोमीटर है। इसमें से 16,376 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र ऐसा है, जहां पहाड़ी चरागाह वाली वनस्‍पतियां नहीं उगाई जा सकतीं क्‍योंकि यह स्‍थायी रूप से बर्फ से ढंका रहता है। राज्‍य में 2 राष्‍ट्रीय पार्क और 32 वन्‍यजीवन अभयारण्‍य हैं। वन्‍यजीवन अभयारण्‍य के अंतर्गत कुल क्षेत्र 5,562 कि.मी., राष्‍ट्रीय पार्क के अंतर्गत 1,440 किमी हैं। इस तरह कुल संरक्षित क्षेत्र 7002 किमी है।
 

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