Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

यहां पिंडी के रूप में विराजमान हैं माताजी, नि:संतान श्रद्धालुओं का लगता है जमघट

यहां पिंडी के रूप में विराजमान हैं माताजी, नि:संतान श्रद्धालुओं का लगता है जमघट
, मंगलवार, 14 अप्रैल 2020 (14:20 IST)
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की लड़भडोल तहसील के सिमस गांव में शारदा देवी का मंदिर है। यहां के संदर्भ में मान्यता है कि जो निसंतान महिलाएं मंदिर के फर्श पर सोती हैं, उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि इस मंदिर को संतानदात्री का मंदिर भी कहा जाता है।
 
माता यहां पिंडी रूप में विराजमान हैं, जिन्हें शारदा माता भी कहा जाता है। यह मंदिर बैजनाथ से 25 किलोमीटर और जोगिंदर नगर से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है।
 
कहते हैं कि जिन महिलाओं को संतान की प्राप्ति नहीं होती है वे इस मंदिर में आती हैं। महिलाएं या मंदिर परिसर में परंपरा अनुसार दिन और रात को मंदिर में ही सोती है। सोने के बाद ही होता है चमत्कार।
 
मान्यता है कि माता सिमसा के मंदिर में जो महिलाएं श्रद्धा और विश्वास के साथ सोती है उन्हें स्वप्न में संतान प्रा‍प्ति का आशीर्वाद मिलता है। कैसे? यह भी जान लीजिए..
 
कहते हैं कि माता सिमसा उन्हें स्वप्न में मानव रूप में या प्रतीक रूप में दर्शन देकर संतान का आशीर्वाद प्रदान करती है। यदि कोई महिला स्वप्न में कोई कंद-मूल या फल प्राप्त करती है तो उस महिला को संतान का आशीर्वाद मिल जाता है।
 
इस मंदिर में संतान प्राप्‍ति के लिए नवरात्रि में विशेष आयोजन होता है। नवरात्रि में यहां सलिन्दरा या सेलिंद्रा उत्सव मनाया जाता है जिसका अर्थ होता है सपने में आना। इस मौके पर हिमाचल के पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से सैकड़ों निसंतान महिलाएं इस मंदिर में आकर डेरा डालती हैं। संतान प्राप्ति के बाद लोग माता को अपना आभार प्रकट करने के लिए अपने सगे-सम्बन्धियों और कुटुंब के साथ मंदिर में आते हैं।
 
सिमसा माता का मंदिर कितना प्राचीन है यह तो कोई निश्‍चित तौर पर कह नहीं सकता, लेकिन यहां पर लगभग 400 वर्षों से माता द्वारा संतान देने का सिलसिला जारी है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

हिमाचल प्रदेश के 5 प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थल