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मराठी मूल के सीआर पाटिल बने गुजरात भाजपा अ‍ध्यक्ष, कांस्टेबल से शुरू किया था करियर

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 21 जुलाई 2020 (00:06 IST)
नई दिल्ली। भाजपा के थिंकटैंक ने नवसारी से सांसद सीआर पाटिल (CR Patil) को गुजरात भाजपा (Gujarat BJP) का अध्यक्ष नियुक्त करके सबकों चौंका दिया है। असल में मूल रूप से मराठी को गुजरात का अध्‍यक्ष बनाया जाना प्रदेश की राजनीति के लिए एक बड़ा संदेश भी माना जा रहा है। पाटिल ने अपने करियर की शुरुआत बतौर कांस्टेबल की थी लेकिन अपनी ईमानदारी और मेहनत के बूते पर वे आज गुजरात भाजपा के अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने जा रहे हैं। पाटिल को जीतू भाई वाघाणी की जगह यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
 
सर्वाधिक मतों से जीते : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीआर पाटिल पर विशेष कृपा इसलिए भी रही है क्योंकि उन्होंने नवसारी लोकसभा सीट 3 बार जीती है। पाटिल की लोकप्रियता 2019 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिली, जब वे 6 लाख 89 हजार 668 मतों से विजयी घोषित हुए। यह पहला अवसर था, जबकि गुजरात में कोई सांसद इतने अधिक मतों से जीता हो। पाटिल ने कांग्रेस के धर्मेश भाई भीम भाई पटेल को शिकस्त दी थी। 
 
पहला चुनाव 2009 में जीता : नवसारी लोकसभा सीट का परिसीमन 2008 में हुआ था और पहली बार 2009 में चुनाव हुए थे। इन चुनावों में भाजपा को जीत हासिल हुई थी। इसके बाद 2014 में जब चुनाव हुए तो भाजपा प्रत्याशी सीआरपाटिल दोबारा जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। तब वे 5 लाख 58 हजार 116 मतों से विजयी रहे थे।
 
मोदी की संसदीय सीट की भी जिम्मदारी : 65 वर्षीय पाटिल को एक ऐसे प्रभावी सांसद के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने न सिर्फ प्रौद्योगिकी के माध्यम से अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों को अंजाम दिया बल्कि जनता से संपर्क भी बनाए रखा। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी विकास कार्यों के क्रियान्वयन में समन्वय का काम देखते हैं।
आईटीआई के बाद कांस्टेबल की नौकरी : पाटिल ने आईटीआई पास करने के बाद पुलिस कांस्टेबल की नौकरी से अपने करियर की शुरुआत की थी। पाटिल कांस्टेबल की नौकरी करते हुए कभी राजनीति से नहीं जुड़े थे, अलबत्ता वे सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। समाज सेवा करते-करते उनकी राजनीति में रूचि हो गई थी और वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए थे। 
 
पिता के आदर्शो का पालन किया : पाटिल के पूरे परिवार में कोई ऐसा नहीं था जो राजनीति से जुड़ा हो। उन्होंने कहा कि मेरे परिवार को पूरा भरोसा था कि मैं जो भी करूंगा, ठीक ही करूंगा। जब कांस्टेबल का जॉब छोड़ा, तब भी परिवार ने पूरा सहयोग किया था। मेरे पिता भी पुलिस में ही थे और कहते थे जो भी करो, वह सही करो और निर्णय लो। मैंने पिता के आदर्शो का पालन किया। 
कांग्रेसी माहौल में भाजपा का दामन थामा : जब मैंने भाजपा का दामन थामा था, तब गुजरात में कांग्रेसी माहौल हुआ करता था। मैंने तय कर रखा था कि किसी पार्टी को ज्याइन करूंगा तो वह बीजेपी ही होगी। मैंने 1989 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। तब मेरी उम्र 35 बरस की थी और सूरत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दुपट्‍टा पहनाकर मुझे सदस्य बनाया था। 2009, 2014 और 2019 में लगातार तीन बार नवसारी लोकसभा सीट जीती। 2019 के लोकसभा चुनाव में मेरी रिकॉर्ड मतों से जीत हुई। इस चुनाव में देश में सर्वाधिक मतों से जीतने वाला मैं तीसरा सांसद था।

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