Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

असम में Love Jihad मामलों में मिलेगी आजीवन कारावास की सजा, CM हिमंत बिस्वा सरमा बोले- जल्द लाएंगे कानून

असम में Love Jihad मामलों में मिलेगी आजीवन कारावास की सजा, CM हिमंत बिस्वा सरमा बोले- जल्द लाएंगे कानून

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुवाहाटी , रविवार, 4 अगस्त 2024 (23:56 IST)
Love Jihad in Assam : असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार जल्द ही ‘लव जिहाद’ के मामलों में आजीवन कारावास की सजा के लिए एक नया कानून लाएगी। यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विस्तारित प्रदेश कार्यकारिणी की एक बैठक में शर्मा ने कहा, ‘‘हमने चुनाव के दौरान ‘लव जिहाद’ के बारे में बात की थी। हम जल्द ही एक कानून लाएंगे, जिसमें ऐसे मामलों में आजीवन कारावास की सजा होगी।’’
 
शर्मा ने यह भी कहा कि जल्द ही एक नयी अधिवास नीति पेश की जाएगी जिसके तहत केवल असम में जन्में लोग ही राज्य सरकार की नौकरियों के लिए पात्र होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व किए गए वादे के अनुसार उन्हें ‘‘एक लाख सरकारी नौकरियों’’ में प्राथमिकता दी गई है, जो पूरी सूची प्रकाशित होने पर स्पष्ट हो जाएगा।
शर्मा ने बिना विस्तार से बताए दावा किया कि इसके विपरीत, कांग्रेस सरकार के तहत राज्य पुलिस बल में कांस्टेबल की 30 प्रतिशत तक नौकरियां एक “विशेष समुदाय” के लोगों को मिली थीं, जब धुबरी के मौजूदा सांसद गृह विभाग के प्रभारी थे। इस साल के चुनावों में कांग्रेस के रकीबुल हुसैन ने धुबरी लोकसभा सीट जीती थी।
 
शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार ने चंडीगढ़ के आकार के बराबर अतिक्रमण की गई भूमि को अवैध निवासियों से मुक्त कराया है, लेकिन राज्य में अभी भी "उत्तरी केंद्र शासित प्रदेश के 20 गुना" के बराबर भूमि पर अतिक्रमण करने वालों का कब्जा है।
 
उन्होंने कहा कि भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए अन्य पहलों में अविभाजित ग्वालपाड़ा जिले में एक "विशेष समुदाय" के लोगों को भूमि की बिक्री पर रोक लगाने के लिए एक कानून लाने का प्रस्ताव शामिल है।
 
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि असम सरकार ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच जमीन की बिक्री के बारे में भी फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार इस तरह के लेन-देन को रोक नहीं सकती, लेकिन उसने आगे बढ़ने से पहले मुख्यमंत्री की सहमति लेना अनिवार्य कर दिया है।
 
राज्य सरकार ने 7 मार्च को इसी तरह की एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी संभावित "सांप्रदायिक संघर्ष" से बचने के लिए तीन महीने के लिए दो अलग-अलग समुदायों के बीच जमीन की बिक्री पर रोक लगाई गई थी। भाषा

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Weather Update : पहाड़ों से लेकर मैदानों तक बारिश से हाहाकार, जम्मू-कश्मीर में फटा बादल, हिमाचल में बाढ़ से 13 की मौत